आज युवा वर्ग अमूल्य संगीतात्मक,संस्कृति के वाहक बने- डाॅ. अनिल तिवारी
सागर। स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय, सागर एवं िस्पक मैके विरासत के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक 20 मार्च 2024 , बुधवार को स्पिक मैके सागर चेप्टर द्वारा शहनाई एवं तबला वादन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवल के साथ किया गया। इस कार्यक्रम का स्वागत भाषण एवं परिचय संस्था के संस्थापक कुलपति डाॅ. अनिल तिवारी द्वारा दिया गया आपने कहा कि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय की यह अनूठी पहल है। जहाॅ छात्र परीक्षा के समय तनावयुक्त है, ऐसे में इस तरह के कार्यक्रम से उन्हे तनावमुक्त करने की हमारी यह छोटी सी कोशिश है। क्योकि हम सभी जानते है कि संगीत से काफी हद तक तनाव को कम किया जा सकता है। आज के इस कार्यक्रम का उधेश्य युवाओं में शास्त्री संगीत की विरासत के प्रति प्रेम को जगाना है। आज युवा वर्ग संगीतात्मक संस्कृति के वाहक बने । शहनाई की मधुर घ्वनि से विवेकानंद विश्वविद्यालय झंकृत हो उठा। सभी को आंनद की अनुभूति हुई। स्पिक मैके सन् 1977 में डाॅ किरण सेठ ने दिल्ली में प्रारंभ किया था। और राजनीतिक शैक्षिक सांस्कृतिक संगठन युवा वर्ग को भारतीय संस्कृति से अवगत कराना जिससे वो पाश्चात्य संस्कृति को महत्व ना देकर अपनी संस्कृति कर वाहक बने। संस्था के कुलाधिपति डाॅ. अजय तिवारी ने इस तहह के कार्यक्रम के आयोजन की सराहना की एवं कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाए प्रेषित की। इस कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय शहनाई वादक मा.संजीव शंकर, मा. अश्विनी शंकर और मा. जुहेव तबला पर संगत देकर शहनाई वादन की प्रस्तुति दी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मशहूर दोनो रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री की उपस्थिति में भी शहनाई वादन की प्रस्तुति दी थी। देश और विदेश में शहनाई वादन के लिए प्रसिद्व कलाकार माने जाते है। स्पिक मैके की अवधारणा राजेश ने रखी है। इस कार्यक्रम के गणमान्य अतिथि के रूप में राजेश पंडित समन्वयक सागर, उमाकांत मिश्र, विनू राणा डाॅ विवेक तिवारी उपस्थित है। इस कार्यक्रम का आभार ज्ञापन संस्था के कुलपति डाॅ सुनीता जैन द्वारा दिया गया। इस कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष भारतीय स्त्री शक्ति डाॅ प्रतिभा तिवारी कु सौम्या तिवरी एवं संस्था के समस्त अधिष्ठाता डाॅ मनीष मिश्र डाॅ शैलेन्द्र पाटिल डाॅ व्ही व्ही तिवारी वि वि के सभी छात्र-छात्राओं ने अपनी उपस्थित देकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया। कार्यक्रम का समापन कल्याण मत्र के साथ हुआ।