ट्रेन से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी को 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं 05 हजार रूपये अर्थदण्ड
सागर । ट्रेन से गांजे की तस्करी करने वाले आरोपी दीपक सामंतो को न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवंमनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की अदालत ने दोषी करार देते हुये स्वापक औषधि एवं मनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985 की धारा- 20(इ)(पप)(ठ) के तहत 03 वर्ष का कठोर कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है एवं प्रकरण के दो अन्य आरोपी रवि यादव एवं राहुल शाह को पूर्व में माननीय न्यायालय द्वारा दंडित किया गया जा चुका है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में विषेष लोक अभियोजक श्री संजय कुमार पटैल ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि थाना जीआरपी सागर को दिनॉक 29.08.2019 को समय करीब 2ः20 बजे जरिये मुखबिर सूचना प्राप्त हुई कि उड़ीसा प्रांत का दीपक सामंतो अपने दो साथियों राहुल कुमार शाह एवं रवि यादव के साथ पुरी तरफ से आने वाली उत्कल एक्सप्रेस से सागर स्टेषन पर उतरे है एव तीनों अपने बैगों में अवैध मादक पदार्थ गांजा रखे है स्टेषन सागर के प्लेटफार्म नं. 02 पर नेम बोर्ड के पास किसी ग्राहक के इंतजार में खड़े है उक्त सूचना के आधार पर मुखबिर के बताये स्थान पर हमराह स्टाफ के साथ घेराबंदी कर उन्हें पकड़ा गया और उनका नाम पता पूछने पर अपना नाम दीपक सामंतो, राहुल शाह एवं रवि यादव तीनो ंनिवासी झोपड़ पट्टी राऊरकेला जिला-सुंदरगढ,़ उड़ीसा का होना बताया। मौके पर साक्षियों के समक्ष संदेहियो की विधिक कार्यवाही उपरांत उनके बैगों की तलाषी लेने पर डण्ठल, हरी भूरी सूखी पत्ती, बीजयुक्त मादक पदार्थ गांजा पाया गया जिसे सूंघकर एवं जलाकर चेक करने पर गांजे की गंध आ रही थी । आरोपी दीपक सांमतो के अधिपत्य से 11 किलोग्राम गांजा , आरोपी राहुल शाह के अधिपत्य से 8 किलोग्राम गांजा एवं रवि यादव के अधिपत्य से 6 किलोग्राम गांजा पाया गया । सभी आरोपियों से कुल-25 किलोगा्रम गांजा कीमती 1,25,000/- रूपये का पाया गया। उक्त आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना मे ंलिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-जीआरपी सागर द्वारा धारा-8/20 एन.डी.पी.एस. का अपराध आरोपीगण के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एव ंअभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत न्यायालय विषेष न्यायाधीष (अंतर्गत धारा 36 (1) स्वापक औषधि एवंमनः प्रभावी पदार्थ अधिनियम 1985) जिला सागर, श्रीमान अब्दुल्लाह अहमद की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपरोक्त सजा से दंडित किया है।