लाउड स्पीकरों का उपयोग वर्जित , ध्वनि पदूषण की शिकायत पर होगी कार्यवाही

लाउड स्पीकरों का उपयोग वर्जित , ध्वनि पदूषण की शिकायत पर होगी कार्यवाही

सागर। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री दीपक आर्य के आदेशानुसार ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण के निर्देश ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) करने के लिए आदेश दिया गया है। उक्त आदेश संपूर्ण जिले हेतु आगामी आदेश तक एतद् द्वारा निम्नानुसार आदेश प्रसारित रहेगा। उक्त आदेशानुसार –

शांत परिक्षेत्र/क्षेत्र-ऐसे परिक्षेत्र / क्षेत्र है, जहाँ पर कम-से-कम 100 मीटर के दायरे में प्रेशर हार्न, लाउड स्पीकर या ऐसे साधनों का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। जिनके द्वारा निर्धारित मानको से अधिक ध्वनि उत्पन्न होने की संभावना रहती है। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के उपबंध के अनुसार जिला एवं सत्र न्यायालय भवन, संभागायुक्त व वाणिज्यिक कर कार्यालय एवं कलेक्टर व जिले के समस्त शैक्षणिक संस्थान / समस्त अस्पताल के आस-पास न्यूनतम 100 मीटर तक के क्षेत्र को इन नियमों के प्रयोजन के लिये शांत परिक्षेत्र/क्षेत्र घोषित किया गया है।

शहर के समस्त शासकीय व निजी अस्पतालों, शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास न्यूनतम 100 मीटर तक के क्षेत्र को इन नियमों के प्रयोजन के लिये शांत परिक्षेत्र/क्षेत्र घोषित किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों जैसे औद्योगिक, वाणिज्यिक, रिहायसी व शांत क्षेत्र में दिन व रात के समय अधिकतम ध्वनि तीव्रता निर्धारित की गई है।

औद्योगिक क्षेत्र में प्रातः 6 से रात्रि 10 बजे तक 75 डेसीबल, रात्रि 10 से प्रातः 6 बजे तक 70 डेसीबल,

वाणिज्यिक क्षेत्र में प्रातः 6 से रात्रि 10 बजे तक 65 डेसीबल, रात्रि 10 से प्रातः 6 बजे तक 55 डेसीबल

आवासीय क्षेत्र में प्रातः 6 से रात्रि 10 बजे तक 55 डेसीबल, रात्रि 10 से प्रातः 6 बजे तक 45 डेसीबल,

शांत क्षेत्र में प्रातः 6 से रात्रि 10 बजे तक 50 डेसीबल, रात्रि 10 से प्रातः 6 बजे तक 40 डेसीबल,

उल्लेखित प्रावधानों के अनुरूप पूर्व स्थापित औद्योगिक क्षेत्र जो अधिसूचित किये गये है उन पर भी यह प्रावधान लागू होंगे, इसी प्रकार संचनालय नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिसूचित क्षेत्र जो सागर विकास योजना 2021 में सम्मिलित है पर भी उक्त प्रावधान लागू रहेंगे। भोंपू (हार्न) का उपयोग शांत परिक्षेत्रों या रात्रि के समय आवासीय क्षेत्रों में सार्वजनिक आपात के सिवाय नहीं किया जाएगा।

ध्वनि उत्सर्जित करने वाले पटाखे शांत परिक्षेत्र में या रात्रि समय में नहीं फोड़े जाएँगे। लाउड स्पीकर या लोक संबोधन प्रणाली का कोई ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण या वाद्य उपकरण या ध्वनि प्रवर्धन का प्रयोग, हाल के भीतर सिवाय तब के जब यह संसूचना के लिए बंद परिसर जैसे प्रेक्षागृह, सम्मेलन कक्ष, सामुदायिक हाल, प्रीतिभोज हॉल हो या सार्वजनिक आपात स्थिति के दौरान, रात्रि में नहीं किया जाएगा।

कोई भी व्यक्ति ऐसे लाउड स्पीकर या ध्वनि एम्पलीफॉयर का किसी भी लोक स्थान में गाने, बिरहा या शब्दो के विस्तारण के प्रयोजन के लिए जो अश्लील हो या जिससे सामान्यतया लोक की नैतिकता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित होना संभाव्य हो, प्रयोग नहीं करेगा। उच्च ध्वनि संगीत से तात्पर्य बैण्ड, बैग पाइप्स, आलगोजा, शहनाई, ड्रम, बिगुल, ढोल, डाफ्डा, नागरा, ताशा, झांक तथा इसी प्रकार के अन्य यंत्र जो उच्च ध्वनि उत्पन्न करते है, ऐसे उच्च ध्वनि वाले यंत्रों का प्रयोग लोक स्थान या खुले हुए प्राईवेट स्थान, सार्वजनिक वीथिका में उपयोग किये जाने पर निषेध रहेगा। इस स्थानों पर उच्च ध्वनि यंत्रों के उपयोग के पूर्व सागर शहरी क्षेत्र हेतु नगर दण्डाधिकारी सागर तथा ग्रामीण क्षेत्र हेतु संबंधित एस.डी.एम. से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

शांत परिक्षेत्र/क्षेत्र में नियम के उपबंध 6 अनुसार उल्लंघन के परिणामस्वरूप ऐसे दोषी व्यक्ति को दंडित किया जावेगा, जो शांत परिक्षेत्र / क्षेत्र अंतर्गत आने वाले किसी स्थान में नियम का उल्लंघन कर कोई अपराध करेगा, वह उक्त नियम के तहत् शास्ति के लिए दायी होगा। नियम के उपबंध-7 व 8 अनुसार शोर प्रदूषण की शिकायत प्राप्त होने पर संबंधित थाना प्रभारी द्वारा नियमों के पालन की कार्यवाही सुनिश्चित की जावेगी। रात्रि समय के 10.00 बजे और प्रातः 6.00 बजे प्रातः के बीच की अवधि अभिप्रेत है। उक्त आदेश संपूर्ण जिले में तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

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