डॉक्टर गौर की प्रतिमा के सामने क्षमा मांगते हुए खड़ा किया कुलपति का पुतला
सागर। डॉक्टर हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता द्वारा गौर जयंती पर जूता पहनकर माल्यार्पण करने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। डाक्टर गौर के अपमान को लेकर नाराजगी बढ़ती जा रही है। एबीवीपी लगातार विरोध कर रही है। एबीवीपी ने कुलपति और राजिष्ट्रार माफी मांगे इसके लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रही है। एक हजार से अधिक लोगो ने ह्ताक्षर कर दिए है। उधर बीजेपी जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया ने कहा कि बीजेपी निंदा प्रस्ताव पारित करके प्रधानमंत्री और शिक्षा मंत्री को भेजेगी। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन कुलपति की ओर से खेद पत्र भी जारी कर चुका है। लेकिन आंदोलनकर्ता माफी मांगने की बात पर अड़े हुए है। इसके साथ उनको जनसमर्थन भी मिल रहा है। विहिप ने माफी का प्रतिकातम्क पुतला रखा
विरोध का एक तरीका विश्वहिंदू परिषद ने अपनाया। इसके शहर अध्यक्ष कपिल स्वामी ने आज विवि परिसर स्थित डा गौर की प्रतिमा के समक्ष कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता का मांगी मांगते हुए पुतला रखकर अपना विरोध दर्ज कराया।कपिल स्वामी के मुताबिक कुलपति ने हमारे डॉक्टर सर हरिसिंह गौर जी की प्रतिमा पर जूते पहनकर माल्यार्पण कर उनका अपमान किया है क्योंकि सागरवासियों को डॉक्टर गौर ईश्वर तुल्य है प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने उनकी जन्म दिवस पर जूते पहनकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद जब शहर वासियों ने उनसे डॉक्टर गौर के समक्ष माफी के अनुरोध पर भी नीलिमा गुप्ता ने डॉक्टर गौर के समक्ष माफी नहीं मांगी। तब मैंने उनके प्रतीकात्मक पुतले को स्वयं ले जाकर डॉक्टर गौर की प्रतिमा के सामने क्षमा मांगते हुए खड़ा कर दिया।
महापुरुषों के अपमान करने वालों पर कार्यवाही जरूरी, जिससे इसकी पुनरावृत्ति न हो : शैलेश केशरवानी
भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य शैलेष केशरवानी ने विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ. एसपी उपाध्याय के खिलाफ कार्रवाई के लिये राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को शिकायती पत्र ईमेल किया है। दोनों को पद से हटाने की मांग ।
उन्होंने की है। केशरवानी ने कहा जूते पहनकर गौर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने और शहरवासियों की भावनाएं आहत करने के बावजूद पिछले 6 दिनों से विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता एवं प्रभारी कुलसचिव डॉ. एस.पी. उपाध्याय माफी मांगने को तैयार नहीं हैं। उल्टा डॉ.गौर के सम्मान में आवाज उठा रहे विद्यार्थियों पर कार्यवाही करने की तैयारी करा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगर किसी विद्यार्थी के ऊपर कारवाई होती है तो विश्वविद्यालय प्रशासन को यह बहुत महंगा पड़ेगा। हम सभी डॉ. गौर के सम्मान में आवाज उठाने वाले विद्यार्थियों के साथ खड़े हैं। मेरा किसी व्यक्ति विशेष से कोई विरोध नहीं है। परंतु डॉ. गौर के सम्मान में कमी नहीं आने देंगे अगर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति और प्रभारी कुलसचिव माफी नहीं मांगते हैं तो अब दिल्ली तक में प्रदर्शन करने का काम किया जायेगा। इस संबंध में मैंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन और केंद्रीय शिक्षा मंत्री को शिकायती पत्र भेजा है। उनसे मांग की है कि सागर सपूत, बुंदेलखंड को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने वाले महापुरुष, देव तुल्य डॉ.हरी सिंह गौर का अपमान करने वाली कुलपति एवं प्रभारी कुलसचिव को पद से हटाने की कृपा करें। जिससे भविष्य में कोई भी डॉ. गौर सहित देश के अन्य महापुरुषों के अपमान करने का न सोचे। उन्हें पद से हटाना इसलिए भी जरूरी है ताकि डॉ. गौर के सम्मान के खिलाफ ऐसे कृत्य की भविष्य में पुनरावृत्ति न हो