फुसलाकर नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल की कैद
सागर । बालिका को बहला-फुसलाकर ले जाकर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त हरिसिंह अहिरवार को तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुये भा.द.वि. की धारा- 366 के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-376(3) के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड, धारा-506 (भाग-2) के तहत 05 वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रूपये अर्थदण्ड तथा पाक्सो एक्ट की धारा-5(एल)/6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पॉच हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। न्यायालय द्वारा बालिका के पुर्नवास के लिये उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 4,00,000/- (चार लाख रूपये) दिये जाने का आदेश दिया गया। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) श्री धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्ग दर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की ।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि षिकायतकर्ता/पीड़िता ने दिनांक 08.06.2022 को थाना मोतीनगर में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि अभियुक्त हरिसिंह अहिरवार बार-बार उससे कहता था कि तुम हमसे बात कर लो। दिनांक 05.06.2022 को अभियुक्त हरिसिंह पीड़िता को बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया और उसके साथ जबरजस्ती गलत काम किया तथा किसी को बताने पर पीड़िता व उसके परिवार वालों को जान से मारने की धमकी दी। दिनांक 06.06.2022 को भी अभियुक्त धमकी देकर बालिका को अपने घर ले गया और उसके साथ गलत काम किया और किसी को बताने पर जान से खत्म करने की धमकी दी इसलिए उस दिन डर के कारण उसने घटना के बारे में किसी को नहीं बताया। दिनांक 08.06.2022 को बालिका ने पूरी घटना अपनी मां, को बताई फिर उनके साथ पुलिस थाना जाकर रिपोर्ट की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किये गये, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-मोतीनगर द्वारा धारा-376(2)(एन), 506 भा.दं.सं. तथा धारा-5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया।अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजो ंको प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित कियाहै।