MP: डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही महिला की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

हाथ में दर्द था इलाज कराने गए थे, डॉक्टर के इंजेक्शन लगाते ही हुई मौत, परिजनों ने किया हंगामा

डॉक्टर पर गलत इलाज का आरोप लगाते हुए परिजनों ने तिली रोड पर किया चक्काजाम

सागर। हाथ में दर्द का इलाज कराने गई एक महिला की मौत का मामला सामने आया है। जिसके बाद मृतिका के परिजनों ने तिली रोड स्थित एक निजी अस्पताल के बाहर डॉक्टर सर्वेश जैन पर एफआईआर दर्ज करने और क्लीनिक सील करने की मांग करते हुए चक्काजाम कर दिया। करीब तीन घंटे तक चले इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई बार परिजनों को समझाइश दी, जिसके बाद मामला शांत हुआ।

मृतिका के पुत्र अरविंद लोधी ने जानकारी देते हुए बताया कि वे बरखेड़ा खुमान निवासी है। सोमवार सुबह उनकी मां पार्वती पति परमानंद लोधी को हाथ में दर्द हो रहा था। जिसका इलाज कराने के लिए वे दोपहर 2 बजे विजय टॉकीज चौराहे पर स्थित पेन क्लीनिक पहुंचे। जहां निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ. सर्वेश जैन मौजूद थे। डॉ. जैन ने माँ का इलाज करते हुए दो इंजेक्शन हाथ में और तीसरा गर्दन पर लगाया। जिसके बाद वे बेहोश हो गई। डॉ. जैन ने हमें दवाएं लेने मेडिकल भेज दिया और मां को अपनी गाड़ी में लेकर तिली रोड स्थित निजी अस्पताल ले आए। हमें इसकी जानकारी ही नहीं दी। जब हम निजी अस्पताल पहुंचे तो वहां डॉक्टर ने हमारी मां को मृत घोषित कर दिया और डॉ. सर्वेश जैन मौके से भाग निकले। इसके बाद परिजनों ने तिली रोड पर हंगामा करते हुए चक्काजाम कर दिया। परिजनों ने आरोप था कि डॉ. सर्वेश जैन के गलत इंजेक्शन से उनकी मां की मौत हुई है। चक्काजाम की सूचना मिलते ही गोपालगंज थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मर्ग कायम कर परिजनों को जांच का आश्वासन दिया।  

मामले की पड़ताल के दौरान सामने आया कि जिस पेन क्लीनिक की परिजन बात कर रहे हैं, वह डॉ. सर्वेश जैन की पत्नी डॉ. रूपाली जैन के नाम पर रजिस्टर्ड है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि डॉ. सर्वेश वहां कैसे प्रैक्टिस कर रहे थे। इतना ही नहीं परिजनों ने जो समय डॉक्टर से इलाज का बताया है उस समय के हिसाब से डॉ. सर्वेश जैन को बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में होना चाहिए था। क्योंकि डॉ. सर्वेश जैन बीएमसी में निश्चेतना विभाग के प्रोफेसर हैं और बीएमसी ड्यूटी का समय शाम 5 बजे तक होता है।

परिजनों की यह थी मांगे

-डॉ. सर्वेश जैन पर हत्या समेत अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया जाए।
-जिला अस्पताल के डॉक्टरों से पीएम कराया जाए और इसकी वीडियोग्राफी भी हो।
-जिस क्लीनिक पर मरीज का इलाज हुआ है, वह क्लीनिक तत्काल सील करें। ताकि साक्ष्यों से छेड़छाड़ न हो।
-डॉ. सर्वेश जैन का लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाए।

इससे पहले डॉ. सर्वेश जैन का नाम हार्ट अटैक के मरीजों पर की गई एक रिसर्च के मामले में भी सामने आया था। जिसमें डॉ. सर्वेश जैन ने 25 हार्ट अटैक के मरीजों पर जाइलोकेशन दवा के इस्तेमाल का खुलासा किया था, लेकिन इस रिसर्च को लेकर न तो बीएमसी की एथिकल कमेटी से अनुमति ली गई थी और न ही मरीजों के नामों का खुलासा किया गया। यह मामला पिछले 9 माह से जांच में है। जिसमें बीएमसी के डीन ने रिसर्च मेडिकल कॉलेज में किए जाने से इंकार किया था, लेकिन रिसर्च कहां हुई यह अब तक पता नहीं चल सका है। मामले में डॉ. सर्वेश जैन का पक्ष जानने के लिए जब उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो उनका फोन स्वीच ऑफ था। डॉक्टर का क्लीनिक भी सील कर दिया है।

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