सागर में 4 माह पहले संचालित हुई सिटी बस आज से बंद ,वजह जाने….

सागर में 4 माह पहले संचालित हुई सिटी बस आज से बंद ,वजह जाने….

सागर। शहर में बीते 4 माह से संचालित हो रही सिटी बसों के पहिए शनिवार को थम गए। 24 सिटी बसों को कलेक्टर कार्यालय के पास खड़ा कर दिया गया है। बस संचालक ने सवारियां नहीं मिलने से बसों के संचालन में हो रहे नुकसान और परमिट नहीं मिलने की बात कही है। उन्होंने कहा कि स्थिति यह है कि शहर में बसों के स्टॉपेज नहीं बनाए गए हैं। सवारियां मिल नहीं रही है। जिससे बसों के डीजल का खर्चा भी नहीं निकल रहा है। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर को आवेदन सौंपा है। जिसमें कहा है कि शहरी सांई ट्रेवल्स द्वारा रूट क्रमांक 4 कनेरा देव से न्यू गल्लामंडी और रूट क्रमांक 2 बम्होरी तिराहा से न्यू गल्लामंडी पर सिटी बस का संचालन किया जा रहा है। रूट क्रमांक 4 के संबंध में अवगत कराना चाहते हैं कि टेंडर में यह रूट रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म क्रमांक 2 से अंडर ब्रिज होते हुए अप्सरा टाकीज प्रस्तावित किया गया था। लेकिन अंडर ब्रिज के नीचे से बसें निकल नहीं पा रही हैं।

जिससे वर्तमान में यह बसें परेड मंदिर होते हुए जा रही हैं। साथ ही सदर से भैंसा के बाद सोया प्लांट बंद होने के कारण वहां से एक भी सवारी नहीं मिल रही है। वहीं रूट क्रमांक 2 में प्राइवेट कालेज व केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के कारण सप्ताह में मात्र 5 दिन ही सवारी मिल पाती हैं। शेष दिनों में बसें खाली चलती है। इसे नरयावली तक बढ़ाने के लिए प्रस्ताव आरटीओ भेजा गया था। रूट 4 को सिविल लाइन से रजाखेड़ी होते हुए परेड मंदिर कराने की मांग की गई है। बसों के स्टापेज नहीं बनाए गए प्रबंधक हेमंत सेन ने बताया कि रूट को लेकर आरटीओ कार्यालय में फाइल प्रस्तुत की थी। वह लंबित है। सभी रूटों पर सवारी को रुकने के लिए स्टापेज नहीं बनाए गए। जिस कारण सवारी बस का इंतजार नहीं कर पा रही हैं। जिससे सिटी बस को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। 9 मई 2023 से अब तक सभी बसों में पर्याप्त सवारी नहीं मिल पा रही हैं। जिससे डीजल का खर्च ही नहीं निकल रहा है। न ही बैंक की किस्त निकल पा रही है और स्टाफ का वेतन भी नहीं निकल रहा है। जिससे अब बसों का संचालन असंभव हो गया है। बैंक में किस्त ना चुकाने के कारण सिविल स्कोर भी खराब हो रहा है। सागर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज से मिलने वाली 15 रुपए प्रति किलोमीटर की संचालन राशि भी अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। साथ ही वीजीएफ की राशि भी 83 लाख रुपए लंबित है। जिसके बदले में हमारे द्वारा बैंक गारंटी प्रस्तुत किए पांच माह से अधिक हो चुके हैं।

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