MP का ऐसा मंदिर जो समेटे है कई रहस्य : कहते है यह मिलते है। मणि वाले सांप
उमरिया। नौरोजाबाद में नागोताल नाम का एक गांव है, जहां एक शिव मंदिर है। इस मंदिर में नाग देवता और शिवजी विराजित हैं। यहां स्थित नाग देवता के बारे में जानकारों का कहना है वे स्वयंभू हैं। जो कि जमीन के अंदर से खुद प्रकट हुए हैं। पहले यह जमीन के अंदर दबे हुए थे, जिसे बाद में खोदकर निकाला गया है और यहां स्थापित किया गया है। इतना ही नहीं लोगों का माना है कि यहां नाग लोक का भी प्रमाण है।
नागपंचमी के दिन यहां नाग देवता की पूजा की जाती है। जहां इस दिन को यहां के लोग बड़े ही धूमधाम के साथ लोग मनाते हैं। साथ ही यह कोशिश करते हैं कि नागदेव के दर्शन हो जाएं। यहां एक ऐसी प्राचीन जगह भी है जहां अति प्राचीन सांपों को बसेरा है। यहां कभी भी, कहीं भी तरह-तरह के नाग देवता के दर्शन हो जाते हैं। इस जगह को नागोताल के नाम से जाना जाता है। साथ ही ऐसा माना जाता है कि यहां पर कभी मणि वाले सर्प भी मिला करते थे। जजा ऋषि मुनि यहां साधना किया करते थे, आज भी ये जगह कई अद्भुत रहस्य अपने आप में समेटे हुए है। यहां प्रकृति का अद्भुत रहस्य देखना हो या अद्भुत नजारा देखना हो, चमत्कार देखना हो और अगर आप सर्प प्रेमी हैं और अति प्राचीन नागराज के दर्शन करने हैं तो नागोताल आपको जरूर जाना चाहिए। यहां नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
नागोताल शहडोल संभाग के उमरिया जिले में स्थित है। यहां जाने के लिए शहडोल संभाग से लगभग 55 से 60 किलोमीटर की दूरी भी तय करनी पड़ती है। तो वहीं, उमरिया जिले से लगभग 30 से 35 किलोमीटर की दूरी पर नागोताल स्थित है। उमरिया जिले के नौरोजाबाद से लगभग पांच किलोमीटर दूर पटपरा ग्राम पंचायत में नागोताल स्थित है। यहां पहुंचते ही एक अलग ही अनुभूति होती है और प्रकृति का अद्भुत नजारा भी देखने को मिलता है। जहां पहाड़ और पेड़-पौधों की छटा देखते ही बनती है, नागोताल मैकल पर्वत की तराई पर स्थित है। यहां के मुख्य पुजारी ललित गिरी बताते हैं कि, ‘आज तक यहां कोई भी पुजारी रुका नहीं है, लेकिन वो 2001 से यहां रुक रहे हैं। इस जगह के बारे में ललित गिरी बताते हैं कि, इस दौरान उन्होंने एक से बढ़कर एक अद्भुत नाग देवता के दर्शन किए हैं। वहीं यह ऐसी जगह है, जहां पर आपको कभी भी, कहीं भी नाग देवता के दर्शन हो सकते हैं। आये दिन यहां अद्भुत नाग निकलते रहते हैं। हालांकि उनकी एक खूबी यह भी बताते हैं कि, इस क्षेत्र में ही नाग पाए जाते हैं और आज तक किसी को नुकसान पहुंचाने की बात सामने नहीं आई है।