नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया, 20 साल की कैद हुई

नाबालिग को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया, 20 साल की कैद हुई

सागर । नाबालिग को शादी का झांसा देकर भगा ले जाकर दुष्कृत्य करने वाले आरोपी कमलेश पटैल को विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने दोषी करार देते हुये लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा- 5(एल) सहपठित धारा-6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास व आठ हजार रूपये अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया है। न्यायालय द्वारा पीड़िता के पुर्नवास के लिये उसे क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर 2,00,000/- (दो लाख रूपये) दिये जाने का आदेश दिया गया । मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह तारन ने की।

घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता/बालिका के भाई ने थाना सिविल लाइन में रिपोर्ट लेख कराई कि दिनांक 23.09.2020 को रात करीब 11 बजे वह और उसके परिवार के लोग खाना पीना करके सो गए थे उसकी बहन/पीड़िता, मां के साथ सोने चली गयी थी। उसकी मां ने दिनांक 24.09.2020 को रात करीब 3 बजे उसे जगाकर बताया कि पीड़िता घर पर नहीं है कहीं चली गयी है तब उसने एवं परिवार के लोगों ने आसपास मोहल्ले में एवं रिश्तेदारो में फोन लगाकर तलाश किया कहीं पता नहीं चला पीड़िता का हुलिया दर्शित करते हुए किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला फुसलाकर ले जाने संबंधी शंका व्यक्त की। दिनॉक 7.11.2020 को पुलिस द्वारा पीड़िता के दस्तयाब होने पर उसके द्वारा बताया गया कि आरोपी कमलेश उसे बहला फुसलाकर शादी करने का कहकर भगाकर भोपाल ले गया जहॉ किराये के मकान में रखा और दिनांक 28.09.2020 को एक मंदिर में उसके साथ शादी कर कोटा राजस्थान लेकर चला गया वहीं झुग्गी में उसे रखकर लगातार उसके साथ दुष्कर्म करता रहा उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाना सिविल लाइन में प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, पुलिस विवेचना के दौरान साक्ष्य एकत्रित कर थाना-सिविल लाइन द्वारा धारा-120बी, 363/120बी, 366/120बी, 376(2)(एन), भा.दं.सं. एवं धारा-,5एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरूद्ध दर्ज करते हुये विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने मामला संदेह से परे प्रमाणित किया । जहॉ विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीष श्रीमती ज्योति मिश्रा जिला-सागर की न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुये उपर्युक्त सजा से दंडित किया।

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