खून की बुनियादी हेमोग्राम जाँच भी कैंसर में सहायक हो सकती है
सागर। मेडिकल कालेज के टीबी एवं चेस्ट विभाग और इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) सागर के सानिध्य से संगोष्ठि आयोजित किया गया. इस संगोष्ठि को डॉ पूजा सिंह, सहप्राध्यापक पैथोलॉजी विभाग ने सम्बोधित किया।
संगोष्ठि को संबोधित करते हुए डॉ पूजा सिंह ने बताया के कम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC) का आसानी से अनुरोध और व्याख्या की जा सकती है। चूंकि यह महंगा नहीं है, यह नियमित परीक्षाओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। सीबीसी में, स्वचालन स्पष्ट और अधिक सटीक परिणाम देता है। पिछले 20 वर्षों में, स्वचालित उपकरणों के उपयोग ने क्लासिक तरीकों को पूरी तरह समाप्त कर दिया। हालांकि, बिना किसी लक्षण वाले व्यक्तियों में सीबीसी करना फायदेमंद नहीं है, जिस समूह को वास्तव में जांच की आवश्यकता है, वह केवल 1% का गठन करता है, हालांकि 11% परिणाम असामान्य पाए जाते हैं। विभिन्न प्रकार के RBC, WBC, और प्लेटलेट्स की संख्या, आकार, व्यास और प्रतिशत के बारे में जानकारी 1 मिनट की समयावधि में 1% से कम की त्रुटि संभावना के साथ रक्त की एक छोटी मात्रा (100 μL) से प्राप्त की जा सकती है।
इसी क्रम में डॉ पूजा ने बताया के सीबीसी परिणामों का मूल्यांकन करते समय सरल नियमों का पालन किया जाए तो परिणामों की व्याख्या आसान हो जाती है। तीन के नियम के अनुसार, उदाहरण के लिए, हीमोग्लोबिन का मान आरबीसी की संख्या के तीन गुना के बराबर होता है और हेमेटोक्ट्रिट का मान हीमोग्लोबिन के तीन गुना के बराबर होता है।
इस संगोष्ठी में डॉ ईशान दूबे और डॉ स्मृति चतुर्वेदी को पैथोलॉजी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ तल्हा साद, डॉ जागृति किरण, डॉ हर्ष मिश्रा ,डॉ मनीष जैन, डॉ प्रदीप सिंह चौहान, डॉ. ज्योति चौहान ,डॉ सत्येन्द्र उईके ,डॉ अमरनाथ गुप्ता , डॉ शोएब ख़ान , डॉ शिखा अग्रवाल ,डॉ अमर गंगवानी , डॉ अजीत असाटी , डॉ मितेश शाह , डॉ उप्पल,डॉ मानसी गुप्ता ,डॉ सत्येन्द्र मिश्रा , डॉ सौरभ जैन , डॉ प्रियांशु हैं इत्यादि मौजूद थे ।