स्मार्ट सिटी के निर्माण कार्यो में गुणवत्ता का विशेष ध्यान
जांच में आई लापरवाही पर कार्यवाही
गजेंद्र ठाकुर। स्मार्ट सिटी मिशन अंतर्गत सागर में किए जा रहे विभिन्न परियोजना कार्यों का पूर्ण पारदर्शिता के साथ गुणवत्तापूर्ण निर्माण सुनिश्चित कराने के लिए निर्माण के अलग-अलग चरणों पर लैब में जाँच कराई जाती है।
एसआर-2 सहित स्मार्ट रोड में ये किए गए टेस्ट
सड़क निर्माण के दौरान गुणवत्ता को परखने के लिए एटेनवर्ग लिमिट टेस्ट, सीब एनालिसिस, सीबीआर टेस्ट, फील्ड डेनसिटी टेस्ट, मॉइश्चर कंटेट टेस्ट, एक्सट्रैक्शन टेस्ट आफ बिटूमिन, एग्रीगेट इंपेक्ट वैल्यू टेस्ट, कंप्रेसिव स्ट्रैंथ टेस्ट आदि अन्य परीक्षण स्थल पर एवं लैब में किए गए हैं। लैब आधारित टेस्ट सर्वप्रथम निर्माण एजेंसी की स्थापित लैब में किया जाता है, फिर गुणवत्ता जाँच की पारदर्शिता के लिए थर्डपार्टी टेस्ट इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग कॉलेज एवं एनएबीएल मान्यता प्राप्त अन्य संस्थाओं की लैब से कराए गए हैं।
शहर की मुख्य सड़कों का इस प्रकार किया जा रहा निर्माण
सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड अंतर्गत सागर के नगर निगम क्षेत्र को एरिया बेस्ड डेवलपमेन्ट क्षेत्र (एबीडी एरिया) एवं पैन सिटी क्षेत्र में बाँटकर विभिन्न निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। शहर विकास के प्रमुख घटक मुख्य सड़क मार्गों को जोड़ते हुए स्मार्ट रोड कॉरीडोर फेस-1, फेस-2, फेस-3 परियोजना में सड़कों का सुव्यवस्थित निर्माण किया जा रहा है। स्मार्ट रोड कॉरिडोर फेस-1 के तहत एसआर-1 तिली तिराहे से दीनदयाल चौक, एसआर-2बी सिविल लाइन से तिली चौराहा, एसआर-2ए राजघाट तिराहे से तिली चौराहा तक, एसआर-3 ज्योति भवन से दीनदयाल चौक, एसआर-4 डिग्री कॉलेज से सिविल लाइन चौराहा तक सड़कें शामिल हैं। वर्तमान में एसआर-2बी मार्ग सिविल लाइन चौराहे से तिली चौराहे तक का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है, शेष मार्गों का कार्य प्रगति पर है। एसआर-2बी सड़क कुल 3.5 किलोमीटर लंबाई एवं 21 मीटर चौड़ाई की फोरलेन सड़क का निर्माण किया गया। इसके किनारे दोनों ओर एक-एक मीटर चौड़ी ड्रेन का निर्माण वीप होल्स सहित किया गया ताकि सड़क पर बारिश आदि का पानी एकत्र न हो सके। अंडर ग्राउंड इलेक्ट्रिकल केबल लाइन बिछाने के लिए 1.4 मीटर इलेक्ट्रिकल यूटीलिटी डक्ट का निर्माण किया गया है। यूटीलिटी डक्ट में लो-टेंशन एवं हाई-टेंशन लाइनों को बिछाकर सुरक्षा के लिए डस्ट फिल की गई ताकि किसी भी प्रकार की स्पार्किंग आदि होने पर आग लगने जैसी दुर्घटना को रोका जा सके। विभिन्न स्थलों पर ट्रांसफामर्स आदि व्यवस्थित करते हुए ओवर हेड केबलों को समाप्त किया जाएगा। ऑटोमेटिक स्ट्रीट लाइट्स लगाई गई हैं। जिन्हें आईसीसीसी से कंट्रोल किया जा रहा है। सड़क के दोनों ओर पेबर ब्लॉक लगाकर 1.7 मीटर पाथ-वे सहित पार्किंग का निर्माण किया गया है। सड़क किनारे विभिन्न स्थलों पर रोड साईड दो-पहिया एवं चार-पहिया वाहन पार्किंग का व्यवस्थित निर्माण किया गया है। इंटरनेट एवं मोबाइल नेटवर्क आदि केबलों को सुरक्षित बनाने के लिए मल्टीडक्ट का निर्माण किया गया है। सड़क पर 1.2 मीटर डिवाइडर का निर्माण कर व्यवस्थित प्लांटेशन किया गया है। जिसके दोनों ओर 7-7 मीटर कैरिज-वे का निर्माण, दो-दो बड़े वाहन एक साथ गुजरने की क्षमता के साथ किया गया है। सड़क मार्ग पर पड़ने वाली कुल 10 पुलियों का व्यवस्थित जल निकासी क्षमता के आधार पर निर्माण किया गया। व्यवस्थित प्लांटेशन व लैंड स्कैपिंग, रोड मार्किंग का कार्य कर रोड स्टड्स आदि से इसे सुंदर व सुरक्षित बनाया गया है। चौराहों पर आईलैण्ड का निर्माण कर आवागमन को सुगम बनाया गया है।
इनके द्वारा की जाती है निर्माण कार्य की मॉनिटरिंग
विभिन्न तकनीकी टीमों द्वारा सतत् मॉनीटरिंग कर मानक अनुसार कार्य की गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए सड़क निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस टीम में स्मार्ट सिटी के सिविल एवं इलेक्ट्रिकल विभागों के उपयंत्री, सहायक यंत्री, कार्यपालन यंत्री सहित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी के टीम लीडर, इंजीनियर्स एवं रोड इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट शामिल हैं। इनके द्वारा सतत् मॉनीटरिंग कर रिपोर्ट अधीक्षण यंत्री को प्रस्तुत की जाती है और अधीक्षण यंत्री द्वारा समय-समय पर कार्य गुणवत्ता का निरीक्षण किया गया है। गुणवत्ता खराब पाई जाने पर नोटिस देने के साथ ही उक्त निर्माण को तोड़कर पुनः गुणवत्ता के साथ निर्माण कराया गया।
सड़क की मजबूती का ध्यान रखते हुए तकनीकी कुशलता से 5 लेयर बिछाई गईं
सड़क निर्माण में विभिन्न 5 लेयरों अंतर्गत सबसे नीचे मिट्टी(सबग्रेड मटेरियल) का 500 एमएम बैड तैयार कर सीआरएम का 200 एमएम एवं डब्लूएमएम 250 एमएम का बैड तैयार किया गया और इसके ऊपर डेन्स बिटूमिनस मेकेडम (डीबीएम) 70 एमएम लेयर डाली गई और अंतिम फाइनल लेयर बिटूमिनस कांक्रीट (बीसी) 40 एमएम की पर्त बिछाई गई है।
इस प्रकार किया जाता है निर्माण एजेंसी को बिल का भुगतान
मानक अनुसार गुणवत्ता के साथ पूर्ण किए गए निर्माण कार्य के बिलों को निर्माण एजेंसी द्वारा स्मार्ट सिटी कार्यालय में प्रस्तुत किया जाता है। जिनकी जाँच सम्बंधित प्रोजेक्ट्स के इंचार्ज द्वारा की जाती हैं। मौके पर किए गए कार्यों की स्थिति के आधार पर बिल की जांच आदि करने के पश्चात वित्तीय अधिकारियों को बिल सौंपा जाता है। वित्तीय अधिकारियों द्वारा निर्धारित प्रक्रिया पूर्ण करने के पश्चात भुगतान किया जाता है।
इन कारणों से हुई स्मार्ट रोड फेस-1 निर्माण में देरी
स्मार्ट रोड कॉरीडोर फेस-1 अंतर्गत स्मार्ट रोडों के निर्माण के लिए टेंडर में 18 महीने की कार्यावधि निर्धारित थी। कोरोना महामारी, पानी पाइपलाइनों को शिफ्ट करने व बदलने के कार्यों एवं अतिक्रमण जैसी समस्याओं के कारण निर्माण कार्य प्रभावित हुए। प्रभावित हुए कार्यों को पूर्ण करने के लिए निर्माण एजेंसी को सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की स्वीकृति पश्चात 9 माह का एक्सटेंशन दिया गया था।
स्मार्ट रोड कॉरिडोर फेस-1 अंतर्गत अन्य रोडों के निर्माण कार्य लगभग 90 प्रतिशत तक पूर्ण किए जा चुके हैं, जिनमें इलेक्ट्रिकल एवं सिविल के कार्य शामिल हैं। शेष निर्माण कार्यों को मार्च 2023 तक पूर्ण किया जाएगा