सागर। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में शनिवार को सफाईकर्मियों ने वेतन नही मिलने से सुबह से ही अपना काम करने से इंकार कर दिया, इसके विरोध में कर्मचारियों ने साफ सफाई नहीं की और दोपहर तक अस्पताल के वार्डो गैलरी आदि जगह कचरे से बदबू फैलने लगी।
एक मरीज की मौत के बाद कमरा नंबर 15 में लाश पड़ी रही। दोपहर में अस्पताल प्रबंधन व सफाईकर्मियों के बीच बातचीत हुई। प्रबंधन की सफाई ठेका कंपनी के अफसरों से बात हुई। सोमवार को वेतन जारी करने व मंगलवार को पैसा खातों में आ जाने का भरोसा मिलने के बाद सफाईकर्मी दोपहर बाद काम पर लौटे।
जानकारी के मुताबिक बीएमसी अस्पताल में सफाई का ठेका यूडीएस के पास है। इसने सफाई की जिम्मेदारी हाइट को दी है। बीएमसी अस्पताल में कंपनी ने 2018 से करीब 360 से अधिक कर्मचारियों को सफाई के लिए लगाया है। करीब एक साल पहले तक हर महीने 7-8 तारीख को वेतन मिल जाता था, करीब एक साल से हर महीने वेतन भुगतान मे देरी हो रही है। इसकी शिकायत अस्पताल व कॉलेज प्रबंधन से बीते एक साल से की जा रही थी।।वेतन का समय पर मिलना शुरू नहीं हुआ। वेतन भुगतान लंबित रखा जाने लगा।
डीन व अधीक्षक से कर्मचारियों ने शिकायत की लेकिन सुधार नहीं हुआ। बीते एक सप्ताह से वेतन का इंतजार था। नहीं आई। शनिवार को सुबह 7.30 बजे कर्मचारियों ने आपसी चर्चा की और काम नहीं करने का निर्णय किया हड़ताल पर जाने की घोषणा करते हुए अस्पताल के मुख्य गेट पर एकत्रित हुए प्रदर्शन किया। कंपनी के मेनेजर की सफाई नहीं करने की जानकारी दी। मेनेजर ने कंपनी के अफसरों को सूचना दी। करीब 10.30 बजे अस्पताल अधीक्षक सुनील कुमार पिप्पल आए। उप अधीक्षक एसपी सिंह अाए । कर्मचारियों से बात की। काम शुरू करने का आग्रह किया। कर्मचारी नहीं माने। 11.30 बजे डीन आरएस वर्मा आए। उन्होंने भी हड़ताली कर्मचारियों से काम लौटने का आग्रह किया। कर्मचारी वेतन मिलने तक काम नहीं करने पर अड़े रहे। इसके बाद करीब 12 बजे अधीक्षक कार्यालय में डीन व कर्मचारियों के साथ बैठक की गई। यहां अस्पताल प्रबंधन जरूरी सेवाएं शुरू कराने के लिए कर्मचारियों से मिन्नतें करता रहा। यहां कंपनी के जिम्मेदारों को डीन वर्मा के मोबाइल से फोन लगाया। कर्मचारियों का वेतन सोमवार को जारी करने व मंगलवार तक खातों में क्रेडिट होने की बात कंपनी के अफसरों ने कही। इसके बाद एक मेल भी भेजा। उसमें यही बात कही। इसके बाद कर्मचारियों ने आपस में मंत्रणा की काम पर लौटने का फैसला लिया।