जिला चिकित्सालय सागर को मिला कायाकल्प पुरस्कार
सागर: 4 साल के बाद जिला चिकित्सालय सागर की झोली में यह पुरस्कार पुनः आया है। हाल ही में अस्पताल में जो सुधार कार्य हुए हैं, वह प्रशंसनीय हैं। जैसे 33 केवीए के सबस्टेशन द्वारा स्वयं की बिजली व्यवस्था,जिसमें 24 घंटे बिजली कर्मचारी ड्यूटी पर रहते हैं, साथ ही जनरेटर एवं सोलर पैनल से बिजली का बैकअप और साथ ही एलईडी लाइट्स के उपयोग से बिजली की खपत में कटौती। समय-समय पर एनर्जी ऑडिट, प्रिसक्रिप्शन ऑडिट, रिपोर्ट ऑडिट, सिजेरियन ऑडिट के साथ-साथ फायर एनओसी, रेडिएशन हजार्ड एनओसी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड एनओसी ये सभी अब नियमित रूप से हो रहे हैं।जिला अस्पताल में ब्लड कॉम्पोनेंट्स की सुविधा, 133 फ्री जांचों की उपलब्धता। डायलिसिस, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे, वी.आई.ए. द्वारा कैंसर का परीक्षण और प्रारंभिक अवस्था में थर्मल एबलेशन से इलाज की सुविधा, आयुष्मान और जननी शिशु सुरक्षा, गंभीर मरीजों के लिए पूरी तरह वेंटिलेटर युक्त आई.सी.यू, नवजात शिशु के लिए एस.एन.सी.यू.और पीआईसीयू, गंभीर गर्भवती महिलाओं के लिए एच.डी.यू आदि की सुचारू व्यवस्था की गई है। स्मार्ट सिटी की मदद से पूरे अस्पताल की छत की वॉटरप्रूफिंग, फर्श और दीवारों की मरम्मत, टॉयलेट के ड्रेनेज में सुधार, फायर फाइटिंग सिस्टम, सुवेज ट्रीटमेंट प्लांट, मॉड्यूलर किचन और मैकेनाइज लॉन्ड्री भी प्रस्तावित है, जिस पर द्रुत गति से कार्य चल रहा है। इसके अतिरिक्त कोविड जैसी महामारी से निपटने के लिए 6K का लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट और 1000 लीटर पर मिनट कैपेसिटी का पी.एस.ए. प्लांट भी जिला चिकित्सालय में चालू किया जा चुका है।
सिविल सर्जन डॉक्टर ज्योति चौहान का कहना है कि हमारा अगला लक्ष्य पूरे प्रदेश में प्रथम आने का है, जिसके लिए वे स्वयं एवँ पूरा अस्पताल पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
खबर गजेंद्र ठाकुर✍️-9302303212