लेहसुन, अदरक पाउडर एवं पेस्ट का निर्माण शुरू
मुख्यमंत्री के हाथों 16 सितम्बर को होगी दोनों प्रोड्क्ट की लॉचिंग
सागर। जिले के दूरस्थ विकासखण्ड केसली की महिलाओ ने बाजार में देवश्री के नाम से मिल्क प्रोड्क्ट बाजार में उतारने के बाद अब लेहसुन अदरक और प्याज के साथ बाजार की स्पर्धा में उतरने के लिए कमर कसी है। वैष्णवी सीएलएफ केसली से जुड़ी श्रीमती रानी राजपूत कौशिल्या रजक, मीना जैन, राजेश्वरी गौड़, अनीता ठाकुर, तुलसा रानी ने सीएलएफ से जुड़े समूह और ग्राम संगठनों की महिलाओं के खेत के प्याज, लेहसुन, अदरक उत्पाद को प्रसंस्करण करते हुए। एक नया रूप दिया है। इन्होंने दो सोलर ड्राय मशीनें बुलाकर जिनकी क्षमतायें अलग-अलग है इन उत्पादों के प्रसंस्करण के काम की शुरूआत की है। महिला समूहों के द्वारा पहलीवार इन उत्पादों को पेस्ट के अलावा, पाउडर फार्म में तैयार किया है।
केसली विकासखण्ड के ग्राम चौका, आलमपुर, सरदई, नया नगर, पलोह जनकपुर, मेढ़की आदि ग्रामों में अदरक की खेती होती है। ग्राम सिंगपुर अमोदा, कुसमी, निवारी, बम्हौरी, मंगेला, सहजपुर आदि ग्रामों में तथा देवरी, जैसीनगर, सागर, रहली, विकासखण्डों में बडे़ पैमाने पर लेहसुन एवं प्याज की खेती की जाती है। प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना से इन उत्पादक कृषकों को अपने कृषि उत्पादों की समुचित दाम मिल सकेंगे और प्रंस्करण के माध्यम से बाजार में सागर जिले का नाम रोशन होगा। आमतौर पर वर्षाकाल में लेहसुन और प्याज की कीमतें बढ़ जाती हैं। इस दशा में पेस्ट और पाउडर खरीदने से कस्टमर को भी बाजिव दाम मिल सकेंगे।
मुख्यमंत्री के हाथों होगी लॉचिंगः- आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री आवास पर 16 सितम्बर को महिला प्रशिक्षण एवं संवाद कार्यकम का आयोजन किया गया है इस कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों की महिला प्रतिभागी, वरिष्ठ अधिकारी, मीडिया, के लोग उपस्थित होंगे। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान के द्वारा जिले के इन उत्पादों की लॉचिंग की जायेगी।
महिला समूहों ने आमदनी को बढ़ाने के लिए विभिन्न विकल्पों का काम करना शुरू किया है। जिसके अंतर्गत इन महिलाओं ने पीपीई किट मास्क निर्माण, सिलाई, स्कूल ड्रेस निर्माण, बैग निर्माण, पूजा की थाली का निर्माण, गौ-शालाओं का संचालन अनाज फल एवं सब्जी उत्पादन, नर्सरी का संचालन कलस्टर में पॉल्ट्री फार्मिंग आदि गतिविधियां संचालित की हैं और वे सफलता पूर्वक इन उत्पादों का निर्माण कर रहीं हैं। व्यक्तिगत दक्षता को बढ़ाते हुए बैंक सखी, क्योस्क संचालन, कॉमन सर्विस सेंटर का संचालन, महिला मेट के रूप में मनरेगा में अपनी सेवायें देना जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों का भी वे निर्वाहन कर रहीं हैं।
डॉ. इच्छित गढ़पाले, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत सागर- जिले में स्व. सहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने उद्यमिता विकास की नई इबारत लिखना शुरू किया है इससे न केवल जिले के ग्रामीण परिवारों की आमदनी बढे़गी। बल्कि बाजार में स्वावलंबन का विकास होगा और हम अपने जिले के भीतर बने ही उत्पादों को खरीद सकेंगे।