सागर में रचा महिला समूह ने इतिहास प्याज भण्डारण के लिए बनाया यह देशी जुगाड़
माहिर उद्यमियों की तरह बाजार में उतरी समूह की महिलायें 650 क्विंटल प्याज का किया भण्डारण बाजार के दामों के बढ़ने की प्रतिक्षा में रोक रखा है माल
सागर। देवरी विकासखण्ड के ग्राम छिंदली, मानेगांव, घाट पिपरिया, बिछुआ, जमनापुर परासिया और डोंगर सलैया की समूह की जुड़ी महिलाओं ने एनआरईटीपी के अंतर्गत अपने प्रोड्यूसर ग्रुप बनाये चूकि ये गांव प्याज उत्पादक बेल्ट में आते हैं। प्याज की खुदाई होते ही बाहरी व्यापारी यहां आकर किसानों की प्याज खरीद ले जाते हैं। उसे वे भण्डारण कर बाद में उंची कीमतों में बेचकर लाभ कमाते हैं। समूह की महिलाओं ने इस बार ठाना की क्या हम स्वयं अपने गांव की प्याज नहीं ले सकते उन्होंने स्थानीय तौर पर एक किराये पर हॉल लिया और 650 क्विंटल प्याज स्थानीय किसानों से 1200 से लेकर 1400 रुपये प्रति क्विंटल रेट पर खरीदकर भण्डारण कर लिया, माने गांव की श्रीमती आशा रानी सपना, छिंदली की पुष्पा चढार विमला ठाकुर, खाट पिपरिया की सविता सेन, मीना कुर्मी, बिछुआ की तममना राव, अनुराधा पटैल, आदि महिलायें अब वारी वारी से इस भण्डारित प्याज के रख-रखाव में जुटीं हैं। प्याज को खराब होने से रोकने के लिए उन्होंने खास तरीके के जुगाडु कूलिंग चैम्बर बनाये हैं इसके उन्होंने 100 लीटर के कंटेनर को प्लास्टिक को ढक कर कंटेनर के नीचले हिस्से को काटकर अलग कर दिया है और उसमें विन्डो बना दी है और भण्डारित प्याज के बीच बीच में इन्हें फिट कर दिया है। इस कंटेनर के उपरी हिस्से में तेज हवा देने के लिए एग्जोस्ट फेन फिट कर दिये हैं। इससे तेजी से हवा भण्डारित प्याज के फ्लोर वाले हिस्से में पंप होती है और प्याज के समूचे नीचले हिस्से को न केवल ठण्डा करती है बल्कि गैस को भी लेकर बाहर आ जाती है। इस प्रकार देशी टेक्नालोजी के माध्यम से उनके भण्डार ग्रह काम कर रहे हैं। चर्चा करने पर महिलाओं ने बताया कि बाजार में अब प्याज के दाम बढ़ने लगे हैं। आज की दिशा में प्याज की कीमत 2200 रूप्ये क्विंटल है। उम्मीद है अगले 10 दिनों में ये कीमतें उछाल लेंगी। अपने मन माफिक बाजार के रेट मिलने की दशा में वे इस भण्डारित प्याज को बेच देंगी। यही महिलाओं ने लेहसुन का पाउडर भी बनाकर तैयार किया है। लेहसुन को सुखाने के लिए उन्हेंने सोलर ड्रायर खरीदे हैं। अब तक लोगों ने बाजार से खरीदकर लेहसुन खाया है अथवा लेहसुन पेस्ट का इस्तेमाल किया है। पहलीवार सागर जिले में समूह की महिलाअें ने लेहसुन पाउडर बनाकर बाजार में लॉंच किया है। सोलर ड्रायर के इस्तेमाल से पाउडर बनाने के लिए लेहसुन को ठीक ढंग से सुखाया जा सकेगा। उसकी गुणवत्ता उसके स्वाद में छेड़छाड़ किये बिना सूखा लेहसुन पाउडर फॉम में तैयार हो सकेगा,
हरीश दुबे जिला परियोजना प्रबंधक ने बताया कि एनआरईटीपी के माध्यम से समूह की महिलाओं ने अपने खेतों के उत्पाद को प्रसंस्करण किये जाने की दिशा में आगे बढ़ना शुरू कर दिया है।
डॉ. इच्छित गढ़पाले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सागर का कहना है कि प्याज भण्डारण के लिए महिलाओं ने जो देशी जुगाड़ टेक्नालॉजी का उपयोग किया है वह तारीफ के काबिल है इन महिलाओं ने अब बाजार की स्पर्धा में उतरने की तैयार कर ली है और मुझे उम्मीद है कि वे सफल उद्यमी बन सकेंगी ये महिलायें पहले भी गौ-शाला संचालन, उपार्जन केन्द्रों का संचालन, स्कूल ड्रेस के निर्माण, मास्क पीपीई किट का निर्माण करके उन्होंने बड़ी चुनौतियों को पूरा किया है।
कलेक्टर दीपक सिंह ने बताया कि स्व. सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं की नेतृत्व क्षमता और निर्णय क्षमता, रिस्क वीयरिंग कैपेसिटी में बढ़ोत्तरी हुई है यह अच्छी पहल हैं हम ।