नुकसान की फसल का रकबा कम कर अन्य फसल का रकबा बढ़ाने का सागर मॉडल महत्वपूर्ण -कृषि उत्पादन आयुक्त
आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण
कृषि उत्पादन आयुक्त की बैठक संम्पन्न
सागर-
नुकसान की फसल का रकबा कम कर अन्य फसल का रकबा बढ़ाने का सागर मॉडल महत्वपूर्ण है इससे किसानों को अच्छा लाभ होगा एवं आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश बनाने में किसानों की भूमिका महत्वपूर्ण है । उक्त विचार कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह ने कृषि उत्पादन की समीक्षा बैठक मे व्यक्त किये। इस अवसर पर श्रीमती प्रीति मैथिल नायक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा गेंहू, चना के अलावा अन्य फसलों को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा सहकारिता पशुपालन मत्स्य पालन एवं उद्यानिकी विभाग की भी समीक्षा की गई। अपर सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त के के सिंह की अध्यक्षता एवं श्रीमती प्रीति मैथिल नायक संचालक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आज कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन उद्यानिकी विभागों की समीक्षा संपन्न हुई।
इस अवसर पर एनआईसी केंद्र सागर में कमिश्नर मुकेश शुक्ला, कलेक्टर दीपक सिंह , डिफटी कमिश्नर के के शुक्ला, संयुक्त संचालक कृषि बी एल मालवीय, उपायुक्त सहकारिता पी आर काबड़कर, सहायक संचालक उद्यान एस के रेजा, कृषि वैज्ञानिक डॉ० के एस यादव, उप संचालक पशु चिकित्साएं डॉ० आर एस यादव डी के राय , पी के परोहा,पी के अरमोती,जितेन्द्र सिंह राजपूत,एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा समीक्षा के दौरान सागर संभाग में चना,मूग, सरसों की फसल का एरिया बढ़ाने पर जोर दिया गया, वहीं मक्का की फसल का एरिया बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए। कृषि उत्पादन आयुक्त सिंह द्वारा जिले में सभी फसलों की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया गया वहीं चना ,सरसो,मूग, अरहर का एरिया बढ़ाने हेतु भी निर्देश दिए। कृषि उत्पादन आयुक्त ने धान के अलावा अन्य फसलों को भी प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए गए। कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा सहकारिता पशुपालन मत्स्य पालन एवं उद्यानिकी विभाग की भी समीक्षा की गई।
श्रीमती प्रीति मैथिल ने कहा कि किसानों को भारत सरकार द्वारा काम दाम पर बीज उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि बीज की कमी नही होने दी जायेगी। मंडी बोर्ड की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि मंडी खोलने के लिये कार्ययोजना तैयार करें। उर्वरक की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये की कही भी यूरिया, डी ए पी की कमी नही होना चाहिए इसके लिये अभी से कार्ययोजना तैयार करे निजी बिक्रेताओं की सगन मॉनिटरिंग करे किसानों को समय पर उपलब्धता हो। पी ओ एस मशीन खराब होने पर तत्काल कार्यवाही करें जिससे परेशानी उत्पन्न न हो। अल्पावधि खरीफ लोन वितरण योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि लोन की समय पर वसूली की जाए।