कोरोना मुक्त सागर के लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें -कलेक्टर सिंह
सागर –
कोविड 19 महामारी संक्रमण के रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु कलेक्टोरेट कार्यालय सभाकक्ष में जिला कलेक्टर दीपक सिंह ने समीक्षा बैठक कर जिले के सभी अधिकारीयों को दिशा निर्देश दिए। 31 मई तक संपूर्ण सागर को कोरोना संक्रमण मुक्त बनाने के लिए समस्त नगरीय निकाय एवं ग्रामीण एरिया के वार्डो में अपने-अपने वार्ड की विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। क्राइसिस मैनेजमेंट समिति के सदस्यों के साथ बैठक प्रतिदिन करें। साथ ही कोरोना संक्रमण रोकने हेतु किए जा रहे कार्यों की समीक्षा प्रतिदिन बैठक में करें। संक्रमण को रोकने के लिए जन भागीदारी की सहभागिता भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कलेक्टर सिंह ने कहा कि समस्त नगरीय निकायों के वार्डो एवं ग्रामीण एरिया के वार्डो में एक एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें और प्रतिदिन शाम के समय क्राइसिस मैनेजमेंट की बैठक आयोजित कर कोरोना संक्रमण को रोकने के प्रयासों की समीक्षा की जावे और वार्ड में मिल रहे कोरोना संक्रमित व्यक्ति के बारे में जानकारी लेकर उनके मकान के सामने कंटेनमेंट जोन बनाए । साथ में दवा का छिड़काव भी करें। अब 1 भी केस न बढ़े यह सुनिश्चित करने हेतु कार्ययोजना जनभागीदारी के साथ तैयार कर सख्ती से पालन कराएं। जिले की फीवर क्लीनिक आदि की भी बारिश को देखते हुए व्यवस्थाओं को पुख्ता रखें। ऐसे कोविड मरीज जिनको पॉजिटिव हुए 10 दिन हो चुके है और पिछले 4-5 दिन से कोई लक्षण न हो उन्हें सीसीसी, होमआइसोलेशन आदि से डिस्चार्ज करें एवं अगले 7 दिन में किन मरीजों को डिस्चॉर्ज किया जा सकता है उनकी भी लिस्टिंग करें। जिन ऐसे ग्रीन जोन क्षेत्रो में कोरोना नहीं हैं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें साथ ही रेड जोन को ऑरेंज जोन में लाते हुए ग्रीन जोन में लायें।
किल कोरोना सर्वे को सघनता से करें। घर घर की जानकारी का रिकॉर्ड तैयार करें, दवाये वितरित करें। आयुष की भी दवाएं काढ़े आदि का वितरण सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि 31 मई तक सागर को कोरोना मुक्त बनाने के लिए हमें सक्रिय होकर सभी लोगों को जागरूक करना होगा और सर्दी खांसी बुखार से पीड़ित व्यक्तियों की अधिक से अधिक सेम्पिलग करा कर उनका इलाज किया जाए जिससे सर्दी खासी बुखार कोरोना का रूप ना ले पाए।
पुलिस अधीक्षक अतुल सिंह ने निर्देशित करते हुए कहा की पुलिस मोबाईल, सीसिटवहि कैमरा आदि से कन्टेनमेंट जोन की सतत निगरानी करें।