जिले की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने उठाये जाएंगे ठोस कदम- कलेक्टर

जिले की गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा,
गौशालाओं में वर्मी कंपोस्ट, वर्मीवॉश, गौ-काष्ट आदि उत्पाद तैयार किए जाएंग -कलेक्टर श्री सिंह

सागर//रतौना गौशाला की अतिरिक्त गाय 33 गौशालाओं में स्थानांतरित की जाएंगी जिससे शहर में घूमने वाली बेसहारा गायों को रतौना गौशाला में स्थान मिल सकेगा
कलेक्टर दीपक सिंह ने जिला गौ पालन एवं पशु संवर्धन समिति की बैठक में निर्देश दिए कि जिले में स्थापित गौ शालाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जैसी कि राज्य शासन की मंषा है कि स्थापित की जाने वाली गौशालाएं स्वावलंबी बनाई जाएं इस दिशा में तेजी से कार्य किया जाए। गौषालाओं में गोबर से वर्मी कंपोस्ट, वर्मीवॉस, गौ-काष्ट, हवन कंडे और अन्य उपयोगी उत्पाद तैयार किए जाएं। इसके लिए आवष्यक प्रशिक्षण दिलाया जाए। गौ-दूध और गौ-घी की भी बड़े महानगरों में अत्यधिक मांग है। इन उत्पादों की मार्केटिंग आजीविका के माध्यम से की जाए। जिससे गौषाला संचालनकर्ता, महिला समूहों को लाभ भी हो। उन्होंने समिति के सचिव, उपसंचालक पषु चिकित्सा डा. आरपी यादव को निर्देश दिए कि गौषालाओं के गौवंष का उपचार और कृत्रिम गर्भाधान पषु चिकित्सकों के माध्यम कराया जाए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ इच्छित गढ़पाले, महेन्द्र बण्डा वाले, महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य, अनुदान प्राप्त गौषालाओं के संचालनकर्ता और पशु चिकित्सकगण उपस्थित थे।
बैठक में कलेक्टर ने गौशाला संचालकों से कहा कि गौवंष को खुले/जंगल में नहीं छोड़ा जाए। उन्होंने दयोदय गौषाला रतौना के अतिरिक्त गौवंष को नवीन स्थापित गौ शालाओं में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए। प्रत्येक गौशाला में 50-50 गायों को स्थानांतरित किया जा सकेगा। जिससे रतौना गौशाला में स्थान रिक्त हो जाएगा और वहां शहर के बेसहारा घूमने वाली गायों को स्थान मिल सकेगा।
बैठक में गौशालाओं के गोबर और गौमूत्र के उत्पादों की समीक्षा की गई। जिसमें वर्तमान में गौ-काष्ट की लकड़ी के विक्रय एवं उपयोग हेतु नगर निगम/नगर पालिका के अधिकारियों से चर्चा करने के निर्देश दिए गए। कलेक्टर श्री सिंह ने सभी महिला स्व-सहायता समूहों से परिचय प्राप्त किया और गौशाला संचालन के संबंध में जानकारी प्राप्त की। गौशालाओं में पशुओं के स्थानांतरित करने के संबंध में वाहन की व्यवस्था करने जिला पंचायत सीईओ को आवष्यक दिशा-निर्देश दिए। गौशाला विस्तारीकरण हेतु गौशाला पटनाबुजुर्ग का चयन किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री गौसेवा अंतर्गत निर्मित 33 नवीन गौशालाओं एवं निजी अनुदान प्राप्त गौशालाओं को पशु संख्या के आधार पर प्रदाय राशि का अनुमोदन किया गया। निजी गौशालाओं में मनरेगा से स्वीकृत कार्यों की समीक्षा की गई। गौशालाओं में उत्पादों की उपलब्धता एवं विक्रय से प्राप्त आय का विवरण अगली बैठक में रखा जाए।

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