केंद्रीय पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे जी की वसीयत (अंतिम इच्छा) जो उन्होंने 2012 में लिखी थी–
संभव हो तो मेरा दाह संस्कार बांद्राभान में नदी महोत्सव वाले स्थान पर किया जाए |
उत्तर क्रिया के रूप में केवल वैदिक कर्म ही हों, किसी भी प्रकार का दिखावा, आडम्बर न हो |
मेरी स्मृति में कोई भी स्मारक, प्रतियोगिता, पुरूस्कार, प्रतिमा इत्यादि जैसे विषय कोई भी न चलाये |
जो मेरी #स्मृति में कुछ करना चाहते हैं, वे कृपया वृक्षों को बोने व उन्हें संरक्षित कर बड़ा करने का कार्य करेंगे, तो मुझे आनंद होगा | वैसे ही नदी – जलाशयों के संरक्षण में अपनी सामर्थ्य अनुसार, अधिकतम प्रयत्न भी किये जा सकते हैं ऐसा करते हुए भी मेरे नाम के प्रयोग से बचेंगे
हस्ताक्षर
अनिल माधव दवे
23 जुलाई 2012
पुनश्च – सभी मुझे भाषा व लेखनदोष के लिए क्षमा करें.वाकई वो पर्यावरण के प्रति दिल से समर्पित थे
????????आदरांजलि????????