स्टाप की कमी से जूझ रहा मालथौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।
मालथौन| विकास सेन ✍️
मालथौन नगर के सामुदायिक अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव हमेशा बना रहता है। वर्तमान में अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। बारिश के मौसम के पानी बदलते ही अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ने लगी है। रोजाना सैकड़ों मरीज इलाज के लिए दूर-दूर के गांवों से सिविल अस्पताल पहुंच रहे हैं। लेकिन डॉक्टरों की कमी से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
मरीजों के उपचार के लिए अब अस्पताल में केवल दो ही चिकित्सक उपलब्ध है। इसके अलावा अस्पताल में कार्यरत कई चिकित्सकों, नर्सों ड्रेसर स्टाफ के कर्मचारियों के पिछले वर्ष और कुछ इस वर्ष तबादले कर दिए गए है। इसके कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को डिलेवरी के दौरान होती है। चिकित्सकों की कमी के चलते मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।मालथौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों के 8 पद स्वीकृत हैं लेकिन एक भी डॉक्टर पदस्थ ना होने के कारण लोगो को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ता हैं।
ग्रामीण अंचल के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं डॉक्टर विहीन
मालथौन तहसील के अंतर्गत आने वाले अस्पतालों में भी कोई भी डॉक्टर नही हैं केवल बरोदिया कलां एवं रंजबांस में ही डॉक्टर पदस्थ हैं जिनकी ड्यूटी भी मालथौन सिविल अस्पताल में लगी हुई हैं जिससे सभी अस्पताल डॉक्टर एवं स्टॉप की कमी से या तो बंद पड़े है या बंद होने की कगार पर है।बरोदिया कलां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर फार्मासिस्ट का पद वर्षो से खाली पड़ा हैं। रोंडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पिछले दो वर्षों से स्टाप की कमी के चलते बंद हो चुका हैं।
बंद पड़े रहते है फीवर क्लीनिक
कोरोना वायरस महामारी के बचाव को लेकर प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर फीवर क्लीनिक को चालू किया गया था।
मालथौन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के फीवर क्लीनिक डॉक्टर एवं स्टॉप की कमी के चलते बंद पड़े हैं।
इनका कहना हैं
मालथौन CSC में डॉक्टरों के 8 पदों की स्वीकृति हैं लेकिन एक भी डॉक्टर पदस्थ ना होने के कारण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद बरोदिया कलां एवं रंजबांस में पदस्थ डॉक्टरों को यहां अटेच किया गया हैं। मैं स्वम ही खुरई एवं मालथौन दोनों जगह का प्रभारी हूँ।
स्टॉप की कमी के बारे में बरिष्ट अधिकारियों को समय समय पर सूचित करते रहते है- शेखर श्रीवास्तव ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर .