बंधक बनाकर पांच लाख की फिरौती लेने वाले
अभियुक्तगण की जमानत निरस्त
सागर। न्यायालय- द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीष श्री अनिल चैहान, बीना के न्यायालय ने आरोपी संजू पिता सिरनाम यादव आयु 19 साल एवं जितेन्द्र पिता जाहर सिंह यादव उम्र 20 वर्ष दोनों निवासी ग्राम पंधव, थाना भानगढ़ तहसील बीना, जिला सागर की जमानत के आवेदन को निरस्त करने का आदेष दिया गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जमानत आवेदन पर बहस करने आरोपी की ओर से अधिवक्ता एवं राज्य शासन की ओर से वरिष्ठ सहा0 जिला अभियोजन अधिकारी श्री डी. के. मालवीय उपस्थित हुये।
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि फरियादी बृषभान ने पुलिस थाना भानगढ़ में इस आषय का लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया था कि दिनांक 02.06.2020 को अभियुक्त सुरेन्द्र यादव उसके पास गांव में आया और बोला यदि चना खरीदना हो तो बताओ, तो उसने बोला कि सेम्पल मांगा लो, उसी दिन करीब 4ः00 बजे सैतान यादव का फोन आया कि चना का सेम्पल आ गया। वह सुरेन्द्र के घर चना खरीदने को राजी हो गया। दिनांक 03.06.2020 को सुवह 8ः00 बजे सैतान सिंह को फोन करके बोला कि वह चने खरीदने आ रहा हैं। फरियादी, रामराजा यादव के साथ मोटरसाईकिल से देवल से धमना जा रहा था तो करीब 08ः30 बजे दिन में देवल से मुहासा रेल्वे स्टेषन के बीच सुनसान जगह पर कच्चा रास्ता में अभियुक्त राकेष एवं सुरेन्द्र अपनी काले रंग की पल्सर मोटरसाइकिल उसकी गाडी के आगे लगाकर उसे रोक लिया। राकेष ने आकर कालर पकड ली, सुरेन्द्र ने उसकी कनपट्टी पर देषी कट्टा लगा दिया और बोला कि आज जान से खत्म कर देगा। उनके साथ तीन अन्य व्यक्ति आये जो आकर उसका और रामराजा का हाथ तोलिया से बांध कर बंधक बना लिया। राकेष व उनके साथियों ने उसके फिरौती के रूप में पांच लाख रूप्ये की मांग की। राकेष बोला कि पांच लाख रूप्ये लेकर आओ नही ंतो वह उसके साथी को गोली मारकर जान से खत्म कर देगा। वह भयभीत हो गये उसने राकेष से कहा कि रामराजा को छोड दो। यह बीना से पैसे की व्यवस्था करके लायेगा। रामराजा बीना जाकर बहनोई व घर से मिला-जुला कर पांच लाख रूप्ये लाया, तब राकेष व उसके साथियों ने पांच लाख रूप्ये लेकर उन दोनो को छोड दिया। अभियोजन ने तथ्य प्रस्तुत किये कि अभियुक्त संजू एवं जीतेन्द्र ने सहअभियुक्तगण के साथ मिलकर फिरोती के लिए बृषभान एवं रामराजा के हाथ बांधकर व्यपहरण किया एवं फिरोती की मांग की। यह निष्चित तौर पर गंभीर अपराध है। न्यायिक अभिरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जमानत का लाभ दिया जाने से समाज पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा और फिरोती मांगने वालों के हौसेल बुलंद होगे। माननीय न्यायालय द्वारा उभय पक्ष को सुना गया। न्यायालय द्वारा प्रकरण के तथ्य परिस्थितियों एवं अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपी संजू यादव एवं जीतेन्द्र यादव की ओर से प्रस्तुत जमानत हेतु धारा 439 दप्रसं का आवेदन निरस्त कर दिया गया।