निगमायुक्त ने शासनादेश अनुसार शासकीय भवनों से संपत्तिकर सहित अन्य सभी करों की वसूली हेतु राजस्व अधिकारी को कार्रवाई करने के निर्देश दिए
सागर। नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने नगर निगम क्षेत्रांतर्गत शासकीय भवनों से संपत्तिकर सहित अन्य सभी करों की वसूली करने हेतु मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग मंत्रालय दिनांक 23/03/2022 के आदेशानुसार कार्रवाई करने के निर्देश राजस्व अधिकारी बृजेश तिवारी को दिए हैं।
निगमायुक्त ने बताया कि शासकीय विभागों एवं संस्थाओं के भवनों पर अधिरोपित सेवा प्रभार का नगरीय निकायों को भुगतान करने के संबंध में आदेश में लेख किया गया है कि मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 136 तथा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम, 1961 की धारा 127-क के प्रावधानों अनुसार संघ सरकार तथा राज्य सरकार के भवनों एवं भूमियों को संपत्ति कर से छूट प्राप्त है,परन्तु मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम अधिनियम, 1956 की धारा 132-क की उपधारा (1) तथा मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 127-ख की उपधारा (1) के प्रावधानों अनुसार वह जलप्रदाय जल निकास एवं मलवहन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन तथा अन्य किसी प्रकार की प्रदान की गई सेवाओं के लिए उपभोक्ता प्रभार अधिरोपित करेगी। इसके अतिरिक्त उपरोक्त धाराओं की उपधारा (2) के खण्ड (एक) के प्रावधानों अनुसार नगरीय निकाय उन भवनों एवं भूमियों पर भी उपभोक्ता प्रभार अधिरोपित करेंगे, जो संपत्तिकर से छूट प्राप्त है। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 19 नवम्बर 2009 के अनुसार नगरीय निकाय सरकारी संपत्तियों पर जलप्रदाय, सफाई, सीवरेज तथा अन्य सामान्य सेवाओं जैसे-पहुँच मार्ग,पथ प्रकाश तथा ड्रेनेज उपलब्ध कराने के बदले में सेवाप्रभारअधिरोपित कर सकते हैं जो कि निजी संपत्ति पर लगने वाले संपत्तिकर का 75 प्रतिशत, 50 प्रतिशत अथवा 33.33 प्रतिशत होगा तथा प्रदान की गई सेवाओं की मात्रा पर आधारित होगा तथा यह राज्य सरकार की संपत्तियों पर लगने वाले सेवा प्रभार से अधिक नहीं होगा। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के संदर्भ में शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा पत्रक्र.N-11025/26/2003-UCD दिनांक 17 दिसम्बर 2009 के माध्यम से केन्द्र शासन के समस्त विभागों को सेवा उपकर भुगतान करने के निर्देश जारी किये गये हैं। इस संदर्भ में उपसचिव,नगरीय विकास एवं पर्यावरण विभाग, मध्यप्रदेश द्वारा शासन के समस्त विभागों से नगरीय निकायों को उनके द्वारा निर्धारित सेवा प्रभार का भुगतान करने हेतु परिपत्र क्र. एफ6-7/2013/18-3 दिनांक 20.10.2015 जारी किया गया,परन्तु वर्तमान में शासकीय भूमि एवं भवनों पर अधिरोपित सेवा प्रभार का नियमित भुगतान विभागों द्वारा नहीं किया जा रहा है।
सेवा प्रभार नगरीय निकायों का वैधानिक अधिकार है तथा उसके भुगतान न होने के कारण उनकी आय में भारी कमी आती है, जिसके कारण उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर दुष्प्रभाव पड़ता है, अतः सभी विभाग आवश्यकता होने पर नगरीय निकायों को सेवा प्रभार (पूर्व लंबित देयकों सहित) का भुगतान करने हेतु अधिरोपित किए गए सेवा प्रभार (लंबित देयताओं सहित) की मांग अनुसार आपके विभाग के अंतर्गत कार्यालय व्यय किराया महसूल और स्थानीय कर” मद अंतर्गत बजट प्रावधान एवं भुगतान की कार्यवाही सुनिश्चित करें। वर्तमान वित्तीय वर्ष में यदि उपरोक्त मद में बजट प्रावधान नहीं किया गया है, तो अन्य प्रभार से नगरीय निकायों के लंबित देयकों का भुगतान करना सुनिश्चित करें।
निगमायुक्त ने राजस्व अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि सभी शासकीय विभागों को बकाया संपत्तिकर,
जलकर, कचरा प्रबंधन शुल्क आदि की वसूली के लिए शासन आदेश से अवगत कराएं ताकि नगर निगम के बकाया करों की राशि भुगतान करने में संबंधित विभाग के अधिकारी को कोई व्यवधान उत्पन्न न हो। इसके बाद भी अगर शासकीय विभाग संपत्तिकर सहित अन्य बकाया करों की राशि का भुगतान नहीं करते हैं तो संबंधित के नियमानुसार कार्रवाई करें।

