सागर लोकसभा को रेल कनेक्टिविटी की बड़ी सौगात की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
सागर। सागर लोकसभा क्षेत्र की रेल सुविधाओं को सुदृढ़ करने हेतु सांसद सागर लोकसभा एवं भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ. लता वानखेड़े ने आज भारत सरकार के माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी से भेंट कर क्षेत्र की प्रमुख रेल मांगों को मजबूती से रखा।
डॉ. वानखेड़े ने ट्रेन संख्या 01703/01704 (चालपल्ली–रीवा विशेष ट्रेन), जो रीवा–सागर–हैदराबाद–नागपुर को जोड़ती है, को पुनः प्रारंभ कर नियमित (रेगुलर) ट्रेन के रूप में चलाए जाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि यह ट्रेन सीमित अवधि में चलाई गई थी, किंतु अत्यधिक यात्री मांग और लोकप्रियता के कारण यह सेवा क्षेत्र के लिए अत्यंत आवश्यक सिद्ध हुई है।
उन्होंने कहा कि इस ट्रेन के नियमित संचालन से— सागर एवं आसपास के क्षेत्रों के मरीजों को हैदराबाद व नागपुर जैसे बड़े चिकित्सा केंद्रों तक सीधी सुविधा मिलेगी, छात्रों को उच्च शिक्षा संस्थानों से बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी, आईटी उद्योग में कार्यरत युवाओं, व्यापारियों एवं उद्यमियों को आवागमन में सुविधा मिलेगी, क्षेत्र के व्यापार, उद्योग और पर्यटन को नया प्रोत्साहन मिलेगा। इसके साथ ही सांसद डॉ. वानखेड़े ने 20152 रीवा–पुणे ट्रेन (रीवा–जबलपुर मार्ग) को दमोह–सागर–बीना–विदिशा होते हुए चलाने की भी मांग रखी, ताकि सागर संभाग को पुणे जैसे प्रमुख औद्योगिक व शैक्षणिक केंद्र से सीधी रेल कनेक्टिविटी मिल सके। भोपाल दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस के बीना जंक्शन पर ठहराव की भी जोरदार मांग की। डॉ. वानखेड़े ने कहा कि बीना क्षेत्र में बीओआरएल (Bina Refinery) एवं रक्षा क्षेत्र से जुड़े अनेक अधिकारी व कर्मचारी नियमित रूप से दिल्ली आते-जाते हैं, ऐसे में बीना पर वंदे भारत का ठहराव अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। माननीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जी ने इन सभी मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए संबंधित अधिकारियों को तकनीकी व्यवहार्यता (Technical Feasibility) की जांच कर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
डॉ. लता वानखेड़े ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है, और सागर लोकसभा क्षेत्र को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है।
इस अवसर पर सांसद डॉ. लता वानखेड़े के साथ सागर विधायक शैलेंद्र जैन भी उपस्थित रहे।

