मध्यप्रदेश में विकास की नई रूपरेखा: मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में जिला विकास सलाहकार समिति गठित, 13 दिसंबर को बड़ी समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में दिनांक 13 दिसम्बर 2025 को राज्य सरकार के कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। इस अवसर पर राज्य शासन द्वारा प्रदेश के विकास के लिए किये गये प्रयासों/उपलब्धियों इत्यादि से अवगत कराने एवं आगामी कार्ययोजना पर विचार विमर्श करने हेतु संभागीय/जिला मुख्यालय पर प्रभारी मंत्री सागर एवं उपमुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल द्वारा जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक का आयोजन एवं प्रेस कॉन्फ्रेंस दिनांक 13 दिसम्बर 2025 को आयोजित किया जाना निर्धारित किया गया है।
मध्यप्रदेश के प्रत्येक जिले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में जिला विकास सलाहकार समिति का गठन किया गया है। जिले के प्रभारी मंत्री समिति के उपाध्यक्ष होंगे। जिला विकास सलाहकार समिति में सांसद (समस्त सांसद जिनका क्षेत्र जिले में सम्मिलित है), जिले के समस्त विधायक, जिला मुख्यालय के महापौर/नगरपालिका अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिले के समस्त जनपद अध्यक्ष, उद्योग, व्यापार, प्रगतिशील किसान, समाज सेवा, चिकित्सा, विधि आदि क्षेत्रों के 20 प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इसी प्रकार जिला कलेक्टर समिति के सदस्य-सचिव के रूप में शामिल होंगे।
योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग इस समिति के कार्यों के संबंध में समन्वय का कार्य करेगा। समिति की बैठकें ऑनलाइन, ऑफलाइन मोड में की जायेगी। समिति की वर्ष में कम से कम एक बैठक आयोजित की जायेगी। प्रत्येक समिति के निर्णयों का रिकार्ड संधारण, अनुपालन व समन्वय का कार्य जिला कलेक्टर द्वारा किया जायेगा।
समिति के उद्देश्य एवं कार्य
जिले की जनता, जनप्रतिनिधियों व अन्य हितधारकों की जरूरतों और सुझावों के अनुसार जिले के दीर्घकालीन विकास की योजनाएँ बनाना, जिले के परंपरागत कौशल को चिन्हित कर प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के सिद्धांत के दृष्टिगत उन्हें राष्ट्रीय/अंतराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देते हुए जिले की समृद्धि का रोडमैप तैयार करना, जिले की स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शासकीय योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने के सुझावों पर विचार करना, जिले में स्थानीय प्रयासों से प्रचलित नवाचारों को योजना के रूप में मूर्त रूप देना, जिले में रोजगार सृजन एवं विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्यों के संबंध में सुझाव देना, उद्योग, व्यापार, जल संरचनाओं के संरक्षण, निर्यात, कृषि, खनिज, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में जिले की कार्ययोजना हेतु सुझाव देना जैसे विभिन्न कार्य सम्मिलित हैं।


