Monday, December 8, 2025

शिक्षा ही सफलता की चाबी, अनुशासन सबसे बड़ा गुरु – अविराज सिंह

Published on

spot_img

शिक्षा ही सफलता की चाबी, अनुशासन सबसे बड़ा गुरु – अविराज सिंह

स्कूल के वार्षिक उत्सव में दी छात्र-छात्राओं को प्रेरक सीख

खुरई। पुरानी गल्ला मंडी स्थित वर्धमान पब्लिक स्कूल में रविवार को आयोजित वार्षिक उत्सव ‘प्रगति’ में युवा भाजपा नेता अविराज सिंह ने कहा कि व्यक्ति शिक्षा से ही महान बनता है। शिक्षा आपकी पर्सनैलिटी और चरित्र का निर्माण करती है, आपको सामाजिक कौशल सिखाती है। स्कूल में ही हम सीखते हैं कि सबसे कैसे बात करनी है। इसलिए शिक्षा केवल मार्कशीट तक सीमित नहीं है।

मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए उन्होंने शिक्षा, अनुशासन, ज्ञान और डिजिटल युग की चुनौतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला।  अविराज सिंह ने कहा, “मैं खुद भी एक विद्यार्थी हूँ और एक युवा हूँ। मैंने हमेशा यह महसूस किया है कि विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन का सबसे सुनहरा दौर होता है। इस समय हमारे ऊपर सिर्फ एक जिम्मेदारी होती है – अच्छी शिक्षा ग्रहण करना। इसी कारण हमारे पास पर्याप्त फ्री टाइम भी रहता है। इस खाली समय का उपयोग आपको अपने रुचि के विषय को हॉबी के रूप में विकसित करने में करना चाहिए। हॉबी ऐसी बनाइए जो आपके समय का सकारात्मक उपयोग करे। लेकिन इन सबके साथ-साथ शिक्षा को कभी न भूलें, क्योंकि शिक्षा ही वह चाबी है जो सफलता के नए द्वार खोलती है।”

अविराज सिंह ने कहा कि चाणक्य जी  ठीक ही कहते थे कि कोई व्यक्ति महान इसलिए नहीं होता कि वह बड़े कुल या बड़े परिवार में जन्मा है। उन्होंने आगे कहा कि अगर हमें अच्छा विद्यार्थी बनना है तो अनुशासन सबसे जरूरी है। मैं हमेशा मानता हूँ कि मार्क्स आपका भविष्य निर्धारित नहीं करते। किसी भी मार्कशीट में यह नहीं लिखा होता कि यह बच्चा आगे चलकर क्या बनेगा। हमें सिर्फ दो बातों का ध्यान रखना है – पहला, जीवन भर कुछ नया सीखते रहें और दूसरा, अनुशासन में रहें। पैसे से मिलने वाली खुशी कुछ दिन की होती है, लेकिन ज्ञान से मिलने वाली खुशी जीवन भर साथ चलती है।

अविराज सिंह ने अभिभावकों से आग्रह किया कि यदि आप चाहते हैं कि आपके बच्चे संस्कारी और अच्छे नागरिक बनें तो सबसे पहले आपको अपना आचरण और सोच संस्कारी रखनी होगी। बच्चे आपसे ही सीखते हैं।

डिजिटल युग की चुनौतियों पर बोलते हुए अविराज सिंह ने कहा कि आज दो नए विषय हमारे सामने हैं जिन्हें युवाओं को समझना जरूरी है। पहला – मोबाइल फोन। दुनिया के 79 देशों में और अमेरिका के 50 में से ज्यादातर राज्यों में स्कूलों में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है। न्यूयॉर्क की एक रिपोर्ट के अनुसार 12 साल से कम उम्र के बच्चों को मोबाइल देने से उनके मानसिक व शारीरिक विकास पर गहरा असर पड़ता है। मैं यह नहीं कहता कि मोबाइल गलत है, लेकिन इसका उपयोग सीमित और सकारात्मक होना चाहिए। जीवन मोबाइल तक सीमित नहीं है।

उन्होंने कहा कि दूसरा विषय है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चौट जीपीटी जैसी तकनीकें। इन्हें एक सीमा तक ही अपनाना चाहिए, क्योंकि ये कभी इंसान की बराबरी नहीं कर सकतीं।

शिक्षकों से अपील करते हुए अविराज सिंह ने कहा कि हर बच्चा अपने आप में खास होता है। बच्चों की आपस में तुलना करना गलत है। बच्चे भी खुद को कभी कमजोर न समझें। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था – इस दुनिया का सबसे बड़ा पाप खुद को कमजोर समझना है।

उन्होंने बताया कि आस्ट्रेलिया में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने जा रहा है। हमें भी समझना होगा कि सोशल मीडिया के जितने फायदे हैं, उतने ही नुकसान भी हैं।

कार्यक्रम के अंत में स्कूल की ओर से मुख्य अतिथि अविराज सिंह व अन्य अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल संचालक प्रकाश चंद्र सराफ व संजय सराफ ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में नपा उपाध्यक्ष सह भाजपा मंडल अध्यक्ष राहुल चौधरी, स्कूल संचालक निखिल सराफ व सलिल सराफ तथा प्राचार्य कपिल देव यादव उपस्थित रहे।

Latest articles

MP : पर्यटन को नई रफ्तार: अब सफारी होगी और भी रोमांचक, मुख्यमंत्री ने दिखाई 10 नई कैंटर बसों को हरी झंडी

MP : पर्यटन को नई रफ्तार: अब सफारी होगी और भी रोमांचक, मुख्यमंत्री ने...

सागर में अवैध शराब पकड़ने गए थे कंपनी के कर्मचारी की धुलाई हो गयी 

सागर। शराब कंपनी के कर्मचारी रविवार को अवैध शराब बेचने वालों को पकड़ने शहर...

More like this

MP : पर्यटन को नई रफ्तार: अब सफारी होगी और भी रोमांचक, मुख्यमंत्री ने दिखाई 10 नई कैंटर बसों को हरी झंडी

MP : पर्यटन को नई रफ्तार: अब सफारी होगी और भी रोमांचक, मुख्यमंत्री ने...
khabarkaasar
khabarkaasarhttps://khabarkaasar.com/
हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में 2006 से सक्रिय विभिन्न समाचार पत्रों और मैगजीन में कार्यरत रहा हूँ बदलते परिवेश के साथ डिजिटल मीडिया तेजी से ग्रोथ पर हैं "खबर का असर डॉट डॉम" न्यूज़ वेबसाइट पर कार्य करते हुए लंबा अनुभव हो गया। यहां स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष पत्रकारिता करने का अच्छा अवसर मिल, आप सब पाठकों का स्नेह और सहयोग रूपी व्यू हिट्स भी लाखों में दर्ज हो रहे हैं। केवल खबरो पर केंद्रित यह न्यूज़ वेबसाइट जनता की आवाज बन चुकी हैं।