श्री गुलाब बाबा मंदिर के 18वें वार्षिक उत्सव का शुभारंभ, चरण पादुका पालकी रथयात्रा के भव्य आगमन हुआ
सागर। बुंदेलखण्ड क्षेत्र के श्रद्धालुओं के आस्था-केन्द्र श्री गुलाब बाबा मंदिर, सागर में बुधवार को वार्षिक उत्सव का शुभारंभ अत्यंत भव्यता और दिव्यता के साथ हुआ। नरसिंहगढ़-दमोह से पधारी श्री गुलाब बाबा चरण पादुका पालकी रथयात्रा जब सागर मंदिर पहुँची, तब जयकारों, पुष्पों की वर्षा और भक्तों की उमंग से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। चरण पादुकाओं की मंदिर में स्थापना के साथ उत्सव विधिवत प्रारंभ हुआ।
रथयात्रा का भव्य स्वागत: हर वर्ष की तरह इस बार भी महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और बुंदेलखंड के हजारों श्रद्धालु उत्सव में शामिल होने के लिए सागर पहुंचे। रथयात्रा सुबह 10:32 बजे होटल दिपाली के सामने स्थित श्री गुलाब बाबा भूमि, बहेरिया तिगड्डा से प्रारंभ हुई। यह पारंपरिक मार्ग – मकरोनिया, सिविल लाइन, गोपालगंज और संजय ड्राइव से होती हुई मंदिर परिसर में पहुँची। पूरे मार्ग में स्थानीय नागरिकों एवं भक्तों ने आरती, पुष्पवर्षा और स्वागत से रथयात्रा का अभिनंदन किया। मंदिर आगमन पर ट्रस्ट की श्रीमती ज्योति जिमी अल्मेड़ा, श्री किरण पारासरे, डॉ. भरत आनंद वाखले, सुश्री शीबू सोनी सहित अनेक भक्तों ने चरण पादुकाओं की आरती उतारी और स्वागत किया।
4 दिसंबर को निकलेगी मुख्य शोभायात्रा: मंदिर व्यवस्थापक सहयोगी प्रमेन्द्र (गोलू) रिछारिया एवं सचिव श्याम सोनी ने बताया कि 4 दिसंबर को प्रतिवर्ष की तरह भव्य श्री गुलाब बाबा चरण पादुका पालकी रथयात्रा शोभायात्रा निकाली जाएगी। इस शोभायात्रा में कन्याओं की लेझम दल, श्री राधाकृष्ण की चलित नृत्यमय झांकी, श्री महाकाल डमरू दल, महाकाल झांकी, ग्रामीण भजन मंडलियाँ, विविध नृत्य दल, देशभर से आए भक्तों का विशाल काफिला शोभा बढ़ाएंगे। यह यात्रा नगर में सौहार्द, प्रेम और शांति के संदेश का प्रसार करेगी।
हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ: गौरमूर्ति के समक्ष यात्रा मंडल द्वारा एक साथ खड़े होकर सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ भी किया जाएगा, जो उत्सव का प्रमुख आकर्षण रहेगा। भक्तगण इसे आध्यात्मिक ऊर्जा का विशिष्टक्षण बताते हैं।
रात्रिकालीन सांस्कृतिक आयोजन: शाम को आदर्श संगीत महाविद्यालय सागर के शिक्षकों, कलाकारों और विद्यार्थियों द्वारा शास्त्रीय नृत्य एवं गायन की उत्कृष्ट प्रस्तुतियां होंगी। इनका आयोजन मंदिर परिसर में बने विशाल गुलाब मंच पर किया जाएगा, जहाँ प्रतिवर्ष हजारों भक्त उपस्थित रहते हैं।


