विद्यार्थी स्वच्छता और अनुशासन को अपने जीवन में उतारें –आयुक्त राजकुमार खत्री

विद्यार्थी स्वच्छता और अनुशासन को अपने जीवन में उतारें –आयुक्त राजकुमार खत्री

कुलपति ने अपने प्रिय मित्र को याद करते हुए फिल्म शोले का गीत प्रस्तुत किया

विश्वविद्यालय परिवार द्वारा सांस्कृतिक स्वरांजलि कार्यक्रम आयोजित

सागर । डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संस्थापक महान शिक्षाविद् एवं प्रख्यात विधिवेत्ता, संविधान सभा के सदस्य एवं दानवीर डॉ. सर हरीसिंह गौर के 156वें जन्म दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 19 नवंबर से 26 नवंबर तक ‘गौर उत्सव’ 2025 का आयोजन किया जा रहा है । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अभिमंच सभागार में शिक्षक, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक स्वरांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस स्वरांजलि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राजकुमार खत्री, आयुक्त नगर निगम सागर थे, अध्यक्षता कुलपति प्रो. वाय. एस. ठाकुर, ने की । प्रो. एम. एस. पाहवा, प्रो. अजीत जायसवाल कुलसचिव डॉ. एस.पी. उपाध्याय मंचासीन थे ।

मुख्य अतिथि श्री राजकुमार खत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों को आत्मीयता और सम्मान के साथ संबोधित किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने डॉ. हरीसिंह गौर के शिक्षा, समाज और राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को विस्तार से रेखांकित किया। उन्होंने डॉ. गौर की दूरदृष्टि, मजबूत शैक्षणिक आधार की स्थापना में उनकी भूमिका और उनके द्वारा स्थापित मूल्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्तित्व सदैव प्रेरणा स्रोत बने रहते हैं। श्री खत्री ने डॉ. गौर से जुड़ा एक प्रेरक प्रसंग भी साझा किया, जिसने उपस्थित जनों को ज्ञान, मेहनत और ईमानदारी के मार्ग पर चलने के लिए प्रोत्साहित किया।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. अवधेश ने प्रो. वाई. एस. ठाकुर का सम्मान किया। उन्होंने प्रो. ठाकुर के शैक्षणिक योगदान, उनके मार्गदर्शन तथा संस्था के विकास में निभाई गई उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। डॉ. अवधेश ने कहा कि प्रो. ठाकुर जैसे विद्वान और शिक्षक किसी भी संस्थान की असली पूँजी होते हैं, जिनके मूल्य और समर्पण पीढ़ियों तक विद्यार्थियों को प्रेरित करते हैं। इस सम्मान समारोह ने कार्यक्रम में गरिमा और सकारात्मकता का एक विशेष वातावरण बनाया।
इसके बाद प्रो. वाई. एस. ठाकुर ने अपने प्रिय मित्र को याद करते हुए एक बेहद भावुक गीत प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने छात्रावास के दिनों का एक हृदयस्पर्शी अनुभव साझा किया, जब वे गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे और उसी समय उनके एक मित्र ने उनके साथ रहकर उनकी देखभाल की थी। गीत के माध्यम से उभरी उनकी स्मृतियों में मित्रता, सहयोग और स्नेह की गहरी झलक थी, जिसने उपस्थित सभी लोगों के हृदयों को छू लिया । कार्यक्रम में आगे हिमांशु कुमार, जिन्हें हिमांशु कबीर के नाम से भी जाना जाता है, ने मनमोहक गीत प्रस्तुत किया। डॉ. प्रवीद कुमार के. जी. ने एशियन हिस्ट्री विभाग की ओर से संगीत प्रस्तुति दी। वाणिज्य विभाग की प्रज्ञा ठाकुर ने प्रसिद्ध गीत ‘लग जा गले’ गाकर वातावरण को सुरमय बना दिया। अरेयमान श्रीवास्तव ने भी अपनी प्रस्तुति से दर्शकों का मन जीता, वहीं कंप्यूटर विभाग के छात्र गुर्व जैन ने अपनी गायकी से कार्यक्रम को और अधिक जीवंत बना दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. शशि कुमार ने किया एवं आभार डॉ. राकेश सोनी ने व्यक्त किया । कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार के समस्त शिक्षक अधिकारी कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे ।

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