अब MP के इस हॉस्पिटल पर मानव अंग तस्करी और फर्जी प्रत्यारोपण के गंभीर आरोप, जांच के आदेश जारी

अब MP के इस हॉस्पिटल पर मानव अंग तस्करी और फर्जी प्रत्यारोपण के गंभीर आरोप, जांच के आदेश जारी

छिंदवाड़ा। कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले से पहले ही सुर्खियों में रहा मध्य प्रदेश का छिंदवाड़ा जिला एक बार फिर विवादों में है। इस बार मामला परासिया स्थित लायंस आई हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर से जुड़ा है, जिस पर मानव अंग तस्करी और बिना अनुमति के प्रत्यारोपण जैसी गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगे हैं। आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से जांच शुरू करने और आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश जारी किए हैं।

केंद्र को भेजी गई शिकायत के बाद शुरू हुई कार्रवाई

जानकारी के मुताबिक, परासिया निवासी रिंकू रितेश चौरसिया ने इस पूरे मामले की विस्तृत शिकायत सीधे भारत सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को भेजी थी। शिकायत मिलने के बाद दिल्ली से प्राप्त पत्र के आधार पर मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने त्वरित संज्ञान लिया और कार्रवाई का आदेश दिया।
भोपाल स्थित विभाग की अवर सचिव सीमा डहेरिया ने इस संबंध में संभाग आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि वे मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम, 1994 और अन्य संबंधित कानूनों के तहत तत्काल और वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करें। साथ ही, की गई कार्रवाई की पूरी जानकारी जल्द से जल्द विभाग को भेजने के लिए भी कहा गया है।

पहले से दर्ज है फर्जी बिलिंग का मामला

यह पहली बार नहीं है जब लायंस आई हॉस्पिटल पर सवाल उठे हों। इससे पहले भी अस्पताल पर राष्ट्रीय अंधत्व निवारण मिशन (भारत सरकार की योजना) के तहत फर्जी बिल लगाकर सरकारी राशि की हेराफेरी के आरोप लग चुके हैं।
करीब छह माह पहले की गई प्रशासनिक जांच में यह खुलासा हुआ था कि अस्पताल ने पिछले पाँच वर्षों में कुल 17,958 नेत्र ऑपरेशन दिखाए थे, जिनमें से मात्र 23 प्रतिशत ही वास्तविक और प्रमाणित पाए गए।
इस घोटाले की पुष्टि के बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर अस्पताल संचालक सहित सात लोगों के खिलाफ परासिया थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।

सरकार सख्त, होगी कड़ी जांच

अब जब अस्पताल पर मानव अंग तस्करी जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं, तो प्रशासन ने इसे अत्यंत संवेदनशील मामला मानते हुए उच्च-स्तरीय जांच के आदेश जारी किए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच में आरोप साबित होते हैं, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस पूरे मामले ने न सिर्फ जिले बल्कि राज्य के स्वास्थ्य तंत्र की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि जांच में क्या खुलासा होता है और क्या इस बार जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा मिल पाएगी।

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