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इंदौर के रिटायर्ड आबकारी अधिकारी के परिवार के लॉकर से फिर मिला करोड़ों का सोना-हीरा

इंदौर के रिटायर्ड आबकारी अधिकारी के परिवार के लॉकर से फिर मिला करोड़ों का सोना-हीरा लोकायुक्त की कार्रवाई में राजधानी और बैंक ...

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Gajendra Thakur

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इंदौर के रिटायर्ड आबकारी अधिकारी के परिवार के लॉकर से फिर मिला करोड़ों का सोना-हीरा

लोकायुक्त की कार्रवाई में राजधानी और बैंक लॉकर से निकले जेवरात, जांच एजेंसी के सामने फिर खुली संपत्ति की परतें

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इंदौर। मध्य प्रदेश लोकायुक्त संगठन की टीम को एक बार फिर से रिटायर्ड जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के परिवार से करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति मिली है। शुक्रवार को लोकायुक्त ने इंदौर के देवास नाका स्थित कैनरा बैंक और एचडीएफसी बैंक के दो लॉकर खोले, जिनमें से करीब पौने चार करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोना और हीरे के गहने बरामद किए गए।टीम ने यह कार्रवाई धर्मेंद्र भदौरिया की बेटी अपूर्वा भदौरिया, बेटे सूर्यांश भदौरिया और बहू मिनी शुक्ला भदौरिया से जुड़े लॉकरों पर की। प्राप्त जानकारी के अनुसार, कैनरा बैंक के लॉकर से लगभग 1.5 करोड़ रुपये के जेवर निकाले गए जबकि एचडीएफसी बैंक के लॉकर से 2 करोड़ 35 लाख रुपये के सोने और हीरे से जड़े आभूषण बरामद हुए।लोकायुक्त की टीम को लॉकर खोलने के दौरान कड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि अधिकारी धर्मेंद्र भदौरिया ने कानूनी दबाव बनाने और कार्रवाई रोकवाने के लिए वकीलों के माध्यम से बैंक अधिकारियों पर प्रभाव डालने की कोशिश की। इसके बावजूद टीम ने दोनों स्थानों पर ताला टूटवाकर लॉकर खोले और वहां से करीब 3.85 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बाहर निकाली।

पहले छापे में मिले थे 80 लाख के जेवर

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इससे पहले लोकायुक्त की टीम ने धर्मेंद्र भदौरिया के कैलाश कुंज अपार्टमेंट पर छापा मारा था। उस कार्रवाई में अधिकारियों को लगभग 80 लाख रुपये कीमत का सोना मिला था। ताजा बरामदगी के बाद कुल बरामद संपत्ति का आंकड़ा चार करोड़ पर पहुंच गया है, जिससे इस पूरी जांच में नया मोड़ आ गया है।

लॉकर से गहने निकालने की योजना बना रहा था भदौरिया

सूत्रों के अनुसार, धर्मेंद्र सिंह भदौरिया पहले से जानता था कि उसके परिवार के लॉकर में हीरे और सोने के महंगे गहने रखे हैं। वह लोकायुक्त की कार्रवाई से पहले ही इन गहनों को निकालने की कोशिश में था। बताया जाता है कि उसने अपने वकीलों के जरिए बैंक को पत्र भेजवाकर कहा कि उसकी बेटी अपूर्वा खुद लॉकर का संचालन करेगी।हालांकि लोकायुक्त ने पहले ही लॉकर को फ्रीज कर दिया था। कैनरा बैंक में निरीक्षक रेणु अग्रवाल के नेतृत्व में हुई कार्रवाई में 1 किलो 658 ग्राम सोने के आभूषण जब्त किए गए, जबकि एचडीएफसी बैंक में डीएसपी सुनील तालान की टीम ने करीब 2 किलो सोना और हीरे के सेट जब्त किए।विवादित छवि और भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ी रही कार्यशैलीधर्मेंद्र सिंह भदौरिया का कार्यकाल हमेशा विवादों में रहा है। आबकारी विभाग में सेवा के दौरान वह दो बार निलंबित भी हो चुका है। उसने अपने कार्यकाल में इंदौर, ग्वालियर, खंडवा, धार और अलीराजपुर जैसे जिलों में पदस्थापना पाई, लेकिन उसकी सबसे अधिक पकड़ आदिवासी जिला अलीराजपुर में रही।धार, झाबुआ और अलीराजपुर क्षेत्र को गुजरात की अवैध शराब लाइन का प्रमुख केंद्र माना जाता है, जहां भदौरिया की गहरी पकड़ रही। विभागीय सूत्रों के अनुसार, स्थानीय शराब कारोबारियों से मिलीभगत और अवैध शराब की तस्करी में उसकी भूमिका को लेकर लंबे समय से शिकायतें होती रही हैं।

ठेका कारोबार में छिपी हिस्सेदारी का भी खुलासा

लोकायुक्त जांच में यह भी सामने आया है कि धर्मेंद्र भदौरिया सरकारी अधिकारी रहते हुए भी अलीराजपुर ठेका धारक रिंकू भाटिया के साथ पर्दे के पीछे से पेटी कॉन्ट्रैक्टर के रूप में जुड़ा हुआ था। बताया जा रहा है कि उसने ठेकेदारों के साथ मिलकर खुलेआम जिले में शराब कारोबार को अपने नियंत्रण में ले लिया था।इस तरह सरकारी नौकरी के साथ-साथ उसने निजी लाभ हेतु गुजरात की अवैध शराब लाइन में भी सक्रिय भूमिका निभाई। यही वजह है कि कुछ वर्षों में उसने अकूत संपत्ति अर्जित कर ली। लोकायुक्त अब उसकी संपत्ति के स्रोत, बैंक लेनदेन और संभावित भ्रष्टाचार से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रहा है।

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