Sagar : प्रधानमंत्री आवास योजना की कुटिया से निकलकर करोड़ों की रजिस्ट्री तक,जांच के घेरे में शंकर
सागर। कनेरादेव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनी एक साधारण-सी कुटिया में रहने वाला शंकर विश्वकर्मा गुरुवार सुबह अचानक सुर्खियों में आ गया। झोपड़ी में जीवन गुजारने वाला यह शख्स दरअसल शहर की करोड़ों की जमीन का मालिक निकला। आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (EOW) की टीम ने सुबह 8 बजे उसके घर दबिश दी और आधार कार्ड के साथ उसे अपने साथ ले गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, सफेद रंग की कार में पहुंचे दो पुलिसकर्मी और आर्थिक जांच एजेंसी के अधिकारी सीधे शंकर की झोपड़ी पर पहुंचे। उन्होंने घर में मौजूद उसकी पत्नी जयंती से शंकर का आधार कार्ड मांगा और तुरंत उसे हिरासत में लेकर कार में बैठा दिया। अचानक हुई इस कार्रवाई से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
शंकर विश्वकर्मा का नाम कुछ समय पहले तब चर्चा में आया जब उसने शहर के अलग-अलग इलाकों में करोड़ों की जमीन खरीदी। इन जमीनों की रजिस्ट्री में करीब सवा करोड़ रुपये से ज्यादा की स्टाम्प ड्यूटी भरी गई थी। इतनी बड़ी रकम एक साधारण मजदूरनुमा व्यक्ति के नाम पर खर्च होना अधिकारियों को संदिग्ध लगा और मामला जांच के घेरे में आ गया।
सूत्रों का कहना है कि शंकर की जांच सिर्फ आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (EOW) ही नहीं बल्कि आयकर विभाग और एनआईए तक में लंबित है। आरोप है कि शंकर की जमीन खरीद-फरोख्त में काले धन के इस्तेमाल की आशंका है।
कार्रवाई में देरी को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। अब आर्थिक जांच एजेंसी ने अचानक शंकर को उठाकर पूरे मामले को एक नए मोड़ पर ला दिया है।
कनेरादेव और आसपास के गांवों में यह चर्चा आम हो गई है कि आखिर झोपड़ी में रहने वाला एक साधारण आदमी करोड़ों की जमीन कैसे खरीद सका? वहीं प्रशासनिक सूत्र मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में शंकर की पूछताछ से बड़े नामों का भी खुलासा हो सकता है।