होम मध्यप्रदेश सागर / बुंदेलखंड राजनीति अपराध / क्राइम रिपोर्ट धर्म/अध्यात्म सोशल भारत स्पोर्ट्स खाकी MP जनसंपर्क फीड

सागर में रेलवे फाटक बंद, पुलिया पर फंसा ट्राला, 16 घंटे ठप रहा यातायात

सागर में रेलवे फाटक बंद, पुलिया पर फंसा ट्राला, 16 घंटे ठप रहा यातायात सागर। सागर-बीना रेल लाइन पर स्थित श्री देव ...

विज्ञापन

Published on:

| खबर का असर

सागर में रेलवे फाटक बंद, पुलिया पर फंसा ट्राला, 16 घंटे ठप रहा यातायात

सागर। सागर-बीना रेल लाइन पर स्थित श्री देव ठाकुर बाबा मंदिर के नीचे बना रेलवे फाटक मरम्मत कार्य के चलते 11 दिनों के लिए बंद कर दिया गया है। इसके कारण सागर-खुरई मार्ग के वाहनों को फाटक के पास बनी संकरी पुलिया से होकर गुजरना पड़ रहा है। खराब और कीचड़ भरे रास्ते ने यहां बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है। गुरुवार रात को राखड़ से भरा एक ट्राला पुलिया में धंस गया, जिससे करीब 16 घंटे तक इस मार्ग पर यातायात पूरी तरह ठप रहा।

पुलिया में धंसा ट्राला, ठप हो गया यातायात

गुरुवार रात करीब 8 बजे भीलवाड़ा से कटनी जा रहा राखड़ (सीमेंट पाउडर) से भरा ट्राला पुलिया से गुजरते समय कीचड़ में फंस गया। रात में पानी और अंधेरा होने की वजह से ट्राले को बाहर निकालना संभव नहीं हो सका। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन प्रयास विफल रहे। इसके बाद शुक्रवार सुबह क्रेन और हाइड्रा की मदद से मशक्कत शुरू की गई और दोपहर करीब 12 बजे ट्राले को बाहर निकाला गया। इसके बाद ही यातायात बहाल हो सका।

फाटक बंद, विकल्प नहीं

रेलवे ने बीना रेल लाइन पर अप-डाउन ट्रैक पर तीसरी लाइन के ओवरहालिंग कार्य के चलते इस रेलवे फाटक को 27 सितंबर तक बंद किया है। समस्या यह है कि इस दौरान वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई। नतीजतन भारी और छोटे वाहन पुलिया से होकर गुजर रहे हैं, जहां पानी और कीचड़ के कारण बार-बार जाम की स्थिति बन रही है।

इन रास्तों से जा सकते हैं यात्री

जरूवाखेड़ा गेट बंद होने से दोपहिया, चारपहिया, बसों और भारी वाहनों का दबाव बढ़ गया है। यात्रियों को अब वैकल्पिक लंबा रास्ता तय करना पड़ रहा है।

सागर से बीना जाने वाले वाहन मालथौन होकर यात्रा कर सकते हैं।

खुरई, राहतगढ़ और किशनपुरा के रास्ते से भी सागर पहुंचा जा सकता है।

वहीं जरूवाखेड़ा से बांदरी-मालथौन मार्ग से होकर बीना पहुंचने का विकल्प रहेगा।

स्थानीय लोगों का कहना है कि रेलवे फाटक बंद रहने की स्थिति में उचित वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करना जरूरी था, ताकि यात्रियों को परेशानियों से बचाया जा सके।

[wps_visitor_counter]