सागर में शहर की रोटरी पर उगा गांजा, शहर में चर्चा का विषय बना

सागर में शहर की रोटरी पर उगा गांजा, शहर में चर्चा का विषय बना

सागर। स्मार्ट सिटी का तमगा पाए सागर में नगर निगम की लापरवाही आए दिन उजागर होती रहती है। करोड़ों के प्रोजेक्ट और सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर को सजाने-संवारने का दावा किया जाता है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां करती है। ताजा मामला सागर के मुख्य बस स्टैंड के पास बने दीनदयाल उपाध्याय चौक का है, जहां प्रतिमा के नीचे ही गांजे का पौधा लहलहा रहा है।

बीजेपी के विचारक और पितृ पुरुष माने जाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का सौंदर्यीकरण बड़े खर्च के साथ किया गया था। चारों तरफ खूबसूरत फूल और पौधे लगाए गए थे, लेकिन इसी सजावट के बीच अब गांजे का पौधा उग आया है। बरसात के दिनों में यह इतना बड़ा हो गया कि अब दूर से ही साफ नजर आने लगा है।

लोगों ने उठाया मजा, तस्वीरें हुईं वायरल

जब लोगों की नजर इस पौधे पर पड़ी और उन्होंने पहचाना कि यह गांजा है, तो हंसी-मजाक का दौर शुरू हो गया। किसी ने तस्वीर ली, किसी ने वीडियो बनाया और देखते ही देखते यह मामला सोशल मीडिया पर छा गया। तस्वीरों पर तरह-तरह के कमेंट आ रहे हैं—कोई नगर निगम पर तंज कस रहा है, तो कोई इसे “स्मार्ट सिटी की असली पहचान” बता रहा है।

सौंदर्यीकरण पर लगा दाग

मुख्य बस स्टैंड से गोपालगंज और तिली की ओर जाने वाले तिराहे पर बनाई गई रोटरी शहर की खूबसूरती बढ़ाने के लिए थी। लेकिन प्रतिमा की आभा बढ़ाने के बजाय अब यह पौधा चर्चा का केंद्र बन गया है। नगर निगम की सफाई व्यवस्था और देखरेख पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई?

नगर निगम अब आया हरकत में

सोशल मीडिया पर बवाल मचने के बाद नगर निगम एक्टिव हुआ। महापौर संगीता सुशील तिवारी ने कहा—
“मुझे इस बारे में जानकारी सोशल मीडिया के जरिए मिली। अधिकारियों को तत्काल सफाई और सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही ये भी जांच की जाएगी कि यह पौधा किसी ने जानबूझकर लगाया है या प्राकृतिक रूप से उगा है। आगे से ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि प्रतिमा और रोटरी के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न हो सके।”

जनता के बीच बना मजाक

लोगों का कहना है कि जहां करोड़ों खर्च कर शहर को स्मार्ट बनाया जा रहा है, वहीं जिम्मेदारी और निगरानी में भारी कमी है। अब यह मामला न केवल शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की पोल भी खोलता है।

अब सवाल ये है कि स्मार्ट सिटी सागर के प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार और लापरवाही की चर्चा कब तक यूं ही वायरल होती रहेगी, और कब जिम्मेदार लोग वाकई शहर को स्मार्ट बनाने की दिशा में काम करेंगे?

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