20 साल पुराने वाहनों पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, रजिस्ट्रेशन शुल्क हुआ दोगुना – जानिए नए नियम

20 साल पुराने वाहनों पर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, रजिस्ट्रेशन शुल्क हुआ दोगुना – जानिए नए नियम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश भर में 20 साल या उससे अधिक पुराने वाहनों को चलाने की अनुमति दे दी है। हालांकि इसके लिए अब जेब ढीली करनी होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 में संशोधन करते हुए नया नोटिफिकेशन जारी किया है। नए नियम लागू होने के बाद पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण के लिए पहले से कहीं ज्यादा शुल्क देना पड़ेगा।

दिल्ली-एनसीआर को मिली छूट

दिल्ली-एनसीआर में यह नियम लागू नहीं होगा। यहां पहले से ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक है।

क्यों बढ़ाए गए शुल्क ?

परिवहन मंत्रालय का कहना है कि लोगों को 20 साल से अधिक पुराने वाहन रखने से हतोत्साहित करने के लिए नवीनीकरण शुल्क बढ़ाया गया है। पर्यावरण प्रदूषण और सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

कितना बढ़ा शुल्क?

20 साल से अधिक पुराने हल्के मोटर वाहन (कार/LMV) – शुल्क 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये

20 साल से अधिक पुरानी मोटरसाइकिलें – शुल्क 1,000 रुपये से बढ़कर 2,000 रुपये

तिपहिया और क्वाड्रिसाइकिल – शुल्क 3,500 रुपये से बढ़कर 5,000 रुपये

आयातित दोपहिया/तिपहिया वाहन – नवीनीकरण शुल्क 20,000 रुपये

आयातित चार या अधिक पहियों वाले वाहन – नवीनीकरण शुल्क 80,000 रुपये

2021 में भी हुई थी बढ़ोतरी

गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में भी सरकार ने मोटरसाइकिल, तिपहिया वाहनों और कारों के पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क में बढ़ोतरी की थी।

सुप्रीम कोर्ट का हालिया आदेश

इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों को लेकर कहा था कि अधिकारियों को जबरदस्ती कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। अदालत ने कहा कि वाहनों की उम्र तय करने के लिए सिर्फ निर्माण वर्ष को आधार न बनाया जाए, बल्कि उनके वास्तविक उपयोग को भी देखा जाना चाहिए।

नए नियम लागू होने के बाद देशभर में लाखों वाहन मालिकों को अपने पुराने वाहन चलाने के लिए मोटा शुल्क चुकाना पड़ेगा। सरकार का मकसद साफ है—लोगों को धीरे-धीरे पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों से छुटकारा दिलाकर नए, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल वाहनों को अपनाने के लिए प्रेरित करना।

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