संभागीय शिक्षा निरीक्षण में खुली लापरवाही की पोल एक दर्जन शिक्षक गैरहाज़िर, नोटिस जारी, कार्रवाई के निर्देश
दमोह। संभागायुक्त डॉ. अनिल सुचारी के निर्देश पर संभागीय शिक्षा व्यवस्था की सख्त निगरानी शुरू हो गई है। इसी क्रम में संयुक्त संचालक लोक शिक्षण सागर संभाग श्री मृत्युंजय कुमार ने शुक्रवार को दमोह जिले के तीन शासकीय विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान एक दर्जन से अधिक शिक्षक बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए गए, जिन पर कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं और कड़ी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
बांसा कला विद्यालय में केवल चार शिक्षक उपस्थित
निरीक्षण की शुरुआत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, बांसा कला (पथरिया) से हुई, जहां 15 में से केवल 4 शिक्षक ही ड्यूटी पर उपस्थित मिले। शेष शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित थे। स्कूल में साफ-सफाई, अभ्यास कार्य, दैनिक डायरी संधारण जैसी बुनियादी शैक्षणिक जिम्मेदारियां पूरी तरह से लापरवाह पाई गईं। इतना ही नहीं, कैचमेंट क्षेत्र के 98 विद्यार्थियों का प्रवेश भी अब तक नहीं कराया गया था।
अनुपस्थित शिक्षकों की सूची:
नर्मदा प्रसाद अहिरवार – 3 दिन से अनुपस्थित
आखंड प्रताप सिंह – 4 दिन से अनुपस्थित
धर्मेंद्र चौबे – 2 दिन से अनुपस्थित
भगवानदास चौरसिया, रामदेवी चौरसिया, भारत सिंह ठाकुर, विजय गुप्ता, शिशुपाल चौधरी – 1 दिन से अनुपस्थित
इन सभी शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
केरबना विद्यालय की स्थिति भी चिंताजनक
दूसरे निरीक्षण में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, केरबना की हालत भी संतोषजनक नहीं मिली। यहाँ तीन में से दो शिक्षक उपस्थित थे, जबकि एक शिक्षक प्रशिक्षण के लिए दमोह में थे। स्कूल में साफ-सफाई नहीं थी, अभ्यास कार्य और दैनिक डायरी का संधारण भी नगण्य पाया गया। सबसे चिंता की बात यह रही कि विद्यालय का पिछले साल का बोर्ड परीक्षा परिणाम 30% से भी कम था, लेकिन इसके बाद भी सुधार के कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए।
पथरिया विद्यालय में मिला संतोषजनक संचालन
तीसरे निरीक्षण में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पथरिया दमोह में पढ़ाई का माहौल अपेक्षाकृत बेहतर मिला। सभी शिक्षक और अतिथि शिक्षक नियमित रूप से शिक्षण कार्य में लगे पाए गए। यहां कुल 28 शिक्षकों में से पांच शिक्षक अवकाश पर थे, जिनके अवकाश आवेदन भी विद्यालय में मौजूद मिले।
निरीक्षण का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था में सुधार
संयुक्त संचालक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि संभागायुक्त डॉ. अनिल सुचारी के स्पष्ट निर्देश हैं कि विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता और संचालन व्यवस्था में सुधार लाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। निरीक्षण का उद्देश्य लापरवाही पर अंकुश लगाना और जवाबदेही तय करना है।
उन्होंने कहा कि, “हम लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और जो शिक्षक अथवा प्रधानाचार्य अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। यह बच्चों के भविष्य और शिक्षा की गुणवत्ता का प्रश्न है।”