CBI की बड़ी कार्रवाई: रिश्वतखोर नारकोटिक्स इंस्पेक्टर और दलाल गिरफ्तार, 1 करोड़ की डील में 44 लाख ले चुका था
उज्जैन। नारकोटिक्स विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) जयपुर की टीम ने मध्यप्रदेश में तैनात केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (CBN) के इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह और उसके दलाल जगदीश मेनारिया को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी इंस्पेक्टर ने एक परिवार को नारकोटिक्स केस में न फंसाने के बदले 1 करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसमें अब तक 44 लाख रुपए रिश्वत के रूप में ले चुका था।
छापे के बाद शुरू हुआ रिश्वत का खेल
परिवादी मांगीलाल गुर्जर, निवासी बड़ीसादड़ी (चित्तौड़गढ़), ने 15 जुलाई को CBI जयपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के मुताबिक, 27 मार्च को नारकोटिक्स इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने मांगीलाल के घर छापा मारकर 400 किलो डोडाचूरा जब्त किया था।
इसके बाद इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह ने मांगीलाल के परिवार को धमकाया और कहा कि यदि वे खुद को बचाना चाहते हैं तो जगदीश मेनारिया से संपर्क करें। कुछ दिन बाद जगदीश ने खुद संपर्क कर मामले को “सेटल” करने की बात कही और 1 करोड़ की मांग रखी गई।
सौदा 53 लाख में तय, तीन किश्तों में दिए 44 लाख
काफी बातचीत के बाद सौदा 53 लाख रुपए में तय हो गया। मांगीलाल ने तीन किश्तों में 44 लाख रुपए जगदीश के माध्यम से इंस्पेक्टर को दे दिए। लेकिन मामला यहीं नहीं रुका। इसके बाद भी 9 लाख रुपए की और डिमांड की गई। परेशान होकर मांगीलाल ने CBI की शरण ली।
CBI ने रची जाल, दलाल रंगे हाथों गिरफ्तार
CBI ने शिकायत की प्रारंभिक जांच कर पुष्टि की और फिर जाल बिछाया। गुरुवार रात को पीड़ित मांगीलाल ने दलाल जगदीश को सांवलिया जी के पास एक होटल में तीन लाख रुपए देने के बहाने बुलाया। जैसे ही वह पैसे लेने आया, CBI की टीम ने उसे मौके पर गिरफ्तार कर लिया।
शुक्रवार सुबह दलाल को लेकर टीम चित्तौड़गढ़ पहुंची और उसी दिन इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह को उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया।
जांच में खुली और भी परतें
CBI की शुरुआती जांच में सामने आया है कि महेंद्र सिंह ने सीकर, जयपुर और नीमच में अवैध रूप से कमाए गए पैसों से कई संपत्तियां खरीदी हैं। आरोपी का परिवार नीमच के सरकारी आवास में रहता है, और वह उज्जैन से अक्सर वहां आता-जाता था। दो साल पहले ही उसका ट्रांसफर उज्जैन हुआ था।
CBI का अगला कदम
CBI ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जयपुर टीम के डीएसपी कमलेश चन्द्र तिवारी को जांच सौंपी गई है। आने वाले दिनों में महेंद्र सिंह की संपत्तियों
और नेटवर्क की भी गहराई से छानबीन की जाएगी।