अवैध वसूली के लिए दबाव ? आबकारी अधिकारी पर शराब दुकानों में मारपीट के गंभीर आरोप

अवैध वसूली के लिए दबाव? आबकारी अधिकारी पर शराब दुकानों में मारपीट के गंभीर आरोप

जबलपुर। जिले में आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का अमानवीय चेहरा सामने आया है। सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे पर आरोप है कि उन्होंने जबलपुर की चार शराब दुकानों में घुसकर कर्मचारियों से जमकर मारपीट की। ठेकेदार अजय सिंह बघेल का आरोप है कि यह सब अवैध वसूली के दबाव को लेकर हुआ। दुकानों में लात-घूंसे बरसाने के बाद दुबे ने कर्मचारियों को धमकाया—”मालिक से कहना, दुकान सरेंडर कर दे, वरना बर्बाद कर दूंगा।”

सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई घटना

यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरों में रिकॉर्ड हो गई है। आरोप है कि दुबे ने कुछ दुकानों में लगे DVR भी जब्त कर लिए। मारपीट और धमकी का यह मामला गुरुवार शाम का बताया जा रहा है, जब ठेकेदार खुद नरसिंहपुर में थे।

तीन घंटे तक चलता रहा हंगामा

जानकारी के मुताबिक, सहायक आबकारी आयुक्त संजीव दुबे अपने कुछ कर्मचारियों के साथ तीन घंटे तक शराब दुकानों में धमक और हंगामा करते रहे। चारों दुकानें ठेकेदार अजय सिंह बघेल की हैं, जिन्होंने जागृति इंटरप्राइजेज के पार्टनर के तौर पर वर्ष 2025-26 के लिए बरेला मदिरा समूह का ठेका लिया है।

दुकान के बाहर भी की गई मारपीट

बघेल ने प्रमुख सचिव को भेजे गए पत्र में लिखा कि बरेला दुकान में कार्यरत गद्दीदार उपेंद्र मिश्रा से मालिक के बारे में पूछे जाने पर जब वह चुप रहा तो संजीव दुबे आगबबूला हो गए। उन्होंने उसे दुकान के अंदर और बाहर लात-घूंसे मारे। इसी तरह, धनपुरी, बरेला नंबर 2 और पड़वार दुकानों में भी कर्मचारियों के साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई।

सेल्समैन काम छोड़कर भागे, बिक्री ठप

मारपीट से डरे सेल्समैनों ने काम छोड़ दिया है, जिससे सभी दुकानों की बिक्री प्रभावित हो गई है। ठेकेदार का कहना है कि यदि कर्मचारी नहीं लौटे तो समय पर लाइसेंस फीस भरना मुश्किल होगा और लाइसेंस निरस्त होने की नौबत आ सकती है। उन्होंने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा और वाणिज्यकर विभाग के प्रमुख सचिव से की है।

‘सरेंडर करो, वरना जेल भेज दूंगा’

आरोप है कि संजीव दुबे ने कर्मचारियों को धमकाया कि अगर दुकानें सरेंडर नहीं की गईं तो 34(2) के तहत केस दर्ज कर जेल भिजवा दिया जाएगा। यह धारा आमतौर पर अवैध शराब रखने और बेचने के मामलों में लगाई जाती है।

आबकारी आयुक्त ने पल्ला झाड़ा

मामले पर आबकारी आयुक्त अभिजीत अग्रवाल का बयान भी सामने आया है। उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी नहीं है कि मारपीट हुई है। अगर शिकायत दर्ज हुई है तो पुलिस जांच करेगी। विभाग का इससे कोई लेना-देना नहीं है।”

यह पहली बार नहीं है जब संजीव दुबे विवादों में घिरे हैं। इंदौर में ट्रेजरी चालानों में हेराफेरी से जुड़े 40 करोड़ रुपये के घोटाले और भोपाल में अवैध शराब परिवहन के मामलों में भी उनका नाम आ चुका है। एक साल पहले उनकी पोस्टिंग जबलपुर में हुई थी और यहां भी विवादों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा।

संजीव दुबे ने अपने कार्यालय के बाहर एक पोस्टर भी चिपका दिया है, जिसमें लिखा है कि आबकारी से जुड़ी खबरों के लिए मीडिया सिर्फ जिला आबकारी अधिकारी दृगचंद चतुर्वेदी से संपर्क करे।

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