सागर नगर निगम ने रचा इतिहास -स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 प्रतियोगिता में पहली बार टॉप 10 में आकर देश में बनाई पहचान
महापौर, निगमाध्यक्ष एवं निगमायुक्त ने नगरवासियों सहित नगर निगम की टीम को बधाई दी
सागर। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रतिवर्ष होने वाली प्रतियोगिता में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के घोषित परिणामों ने सागर नगर को एक नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है, इस वर्ष सागर नगर ने राष्ट्रीय स्तर पर 10 वीं रैंक प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है जो नगर के लिए गर्व का विषय है ,इससे पूर्व नगर निगम सागर ने 70 वीं रैंक प्राप्त की थी लेकिन इस वर्ष नगर निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री के अथक परिश्रम और महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी, निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार एवं सभी वार्डों के पार्षदों के सहयोग एवं मार्गदर्शन से पहली बार सागर नगर निगम ने देश में 10 वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया है।
फिर शुरू हुई पुर्नरूत्थान की कहानी वर्तमान में नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री के कार्यभार संभालते ही सागर में स्वच्छता की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ उन्होंने न केवल योजनाओं को कागजों से निकालकर ज़मीनी स्तर पर उतारा, बल्कि नगर के जनप्रतिनिधियों समाजसेवियों और आम नागरिकों को भी इस अभियान का अभिन्न हिस्सा बनाया खत्री के नेतृत्व में नगर निगम अधिकारियों- कर्मचारियों, सफाई मित्रों और स्वयंसेवी संगठनों ने मिलकर जिस तरह से कार्य किया, उसने पूरे शहर में स्वच्छता के प्रति एक जनआंदोलन का रूप ले लिया और लोगों का स्वच्छता के प्रति व्यवहार में बदलाव आया।
सागर। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत प्रतिवर्ष होने वाली प्रतियोगिता में स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 के घोषित परिणामों ने सागर नगर को एक नई ऊँचाई पर पहुँचा दिया है, इस वर्ष सागर नगर ने राष्ट्रीय स्तर पर 10 वीं रैंक प्राप्त कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है जो नगर के लिए गर्व का विषय है ,इससे पूर्व नगर निगम सागर ने 70 वीं रैंक प्राप्त की थी लेकिन इस वर्ष नगर निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री के अथक परिश्रम और महापौर श्रीमती संगीता सुशील तिवारी, निगम अध्यक्ष श्री वृंदावन अहिरवार एवं सभी वार्डों के पार्षदों के सहयोग एवं मार्गदर्शन से पहली बार सागर नगर निगम ने देश में 10 वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया है।
फिर शुरू हुई पुर्नरूत्थान की कहानी वर्तमान में नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री के कार्यभार संभालते ही सागर में स्वच्छता की दिशा में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ उन्होंने न केवल योजनाओं को कागजों से निकालकर ज़मीनी स्तर पर उतारा, बल्कि नगर के जनप्रतिनिधियों समाजसेवियों और आम नागरिकों को भी इस अभियान का अभिन्न हिस्सा बनाया खत्री के नेतृत्व में नगर निगम अधिकारियों- कर्मचारियों, सफाई मित्रों और स्वयंसेवी संगठनों ने मिलकर जिस तरह से कार्य किया, उसने पूरे शहर में स्वच्छता के प्रति एक जनआंदोलन का रूप ले लिया और लोगों का स्वच्छता के प्रति व्यवहार में बदलाव आया।
प्रशासनिक नेतृत्व और सामूहिक सहयोग की मिसाल:- श्री खत्री ने अपने कार्यकाल में जन भागीदारी से स्वच्छता का मंत्र देते हुए न केवल अपनी टीम को प्रेरित किया, बल्कि नागरिकों को भी सशक्त रूप से जोड़ा। घर-घर जाकर लोगों को जागरूक किया गया, स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताएं कराई गईं, बाजार क्षेत्रों में विशेष साफ-सफाई अभियान चलाए गए और सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया। नगर निगम ने शहर को प्लास्टिक मुक्त, कचरा मुक्त और हरित क्षेत्र बढ़ाने की दिशा में विशेष प्रयास किए। जगह-जगह डस्टबिन, सूखा और गीला कचरा पृथक्करण, नालियों की नियमित सफाई, स्वच्छता वॉल पेंटिंग, कूड़ा निस्तारण संयंत्रों का नियमित संचालन जैसी योजनाएं प्रभावी रूप से लागू की गईं।
नागरिकों की भूमिका बदलाव की असली ताक़त किसी भी अभियान की सफलता तभी संभव है जब उसमें आमजन का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो। सागर में यह सहयोग सिर्फ अपेक्षित नहीं था, बल्कि अभूतपूर्व रहा। लोगों ने न केवल अपने घर और मोहल्लों को साफ-सुथरा बनाए रखा, बल्कि स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने में भी आगे आए।
निगमायुक्त ने प्रारंभ किये नवाचार ,मेरा शहर मेरी जिम्मेदारीः- निगमायुक्त राजकुमार खत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न अभियानों के माध्यम से नागरिकों को यह अहसास कराया गया कि स्वच्छता सिर्फ सरकार या नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। उन्हांेने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिये नवाचार प्रारंभ किये, जिनमें स्वच्छता की गागर-अपनो सागर, कचरा खुद बोलेगा मै, किसका हूॅ, सागर का सुकुन, शहर के विभिन्न आयोजनों में प्लास्टिक मुक्त जीरो वेस्ट इवेन्ट एवं चकराघाट पर गंगा आरती की शुरूआत कर शहर के नागरिकों को स्वच्छता से जोड़कर सागर की ऐतिहासिक झील सहित शहर को स्वच्छ रखने के लिये प्रेरित किया। कई नागरिकों और स्वयंसेवी समूहों ने अपने स्तर पर श्स्वच्छ सागर के लिए पहल की। स्कूलों के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस आंदोलन में भाग लिया। मंदिरों, बाजारों, कॉलोनियों में अलग-अलग स्वच्छता समितियाँ गठित हुईं कर शामिल किया। उन्होंने कचरा खुद बोलता है जैसे अभियान को प्रारंभ कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कराया।
निगमायुक्त ने प्रारंभ किये नवाचार ,मेरा शहर मेरी जिम्मेदारीः- निगमायुक्त राजकुमार खत्री के मार्गदर्शन में विभिन्न अभियानों के माध्यम से नागरिकों को यह अहसास कराया गया कि स्वच्छता सिर्फ सरकार या नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का नैतिक कर्तव्य है। उन्हांेने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिये नवाचार प्रारंभ किये, जिनमें स्वच्छता की गागर-अपनो सागर, कचरा खुद बोलेगा मै, किसका हूॅ, सागर का सुकुन, शहर के विभिन्न आयोजनों में प्लास्टिक मुक्त जीरो वेस्ट इवेन्ट एवं चकराघाट पर गंगा आरती की शुरूआत कर शहर के नागरिकों को स्वच्छता से जोड़कर सागर की ऐतिहासिक झील सहित शहर को स्वच्छ रखने के लिये प्रेरित किया। कई नागरिकों और स्वयंसेवी समूहों ने अपने स्तर पर श्स्वच्छ सागर के लिए पहल की। स्कूलों के बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस आंदोलन में भाग लिया। मंदिरों, बाजारों, कॉलोनियों में अलग-अलग स्वच्छता समितियाँ गठित हुईं कर शामिल किया। उन्होंने कचरा खुद बोलता है जैसे अभियान को प्रारंभ कर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक कराया।
तकनीकी नवाचार भी बने सफलता का आधार सागर नगर निगम ने इस बार तकनीक का भी भरपूर उपयोग किया। ळच्ै युक्त कचरा वाहन, रियल टाइम मॉनिटरिंग, स्वच्छता ऐप, ऑनलाइन फीडबैक सिस्टम जैसी योजनाओं ने पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की शहर में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी, कचरा संग्रहण की मोबाइल रिपोर्टिंग और डिजिटल जागरूकता पोस्टर्स ने न केवल नागरिकों को जोड़े रखा, बल्कि अधिकारियों को भी समय पर कार्यों का मूल्यांकन करने में सहायता प्रदान की।
स्वच्छता के लिए एक उदाहरण बना सागर मॉडल:-यह कहना गलत नहीं होगा कि सागर ने न केवल खुद को साफ किया, बल्कि एक ऐसी सांस्कृतिक और मानसिक सफाई भी की है, जो स्वच्छता के लिए आने वाले वर्षों में और अधिक सशक्त रूप से उभरकर सामने आएगी।
स्वच्छता के लिए एक उदाहरण बना सागर मॉडल:-यह कहना गलत नहीं होगा कि सागर ने न केवल खुद को साफ किया, बल्कि एक ऐसी सांस्कृतिक और मानसिक सफाई भी की है, जो स्वच्छता के लिए आने वाले वर्षों में और अधिक सशक्त रूप से उभरकर सामने आएगी।
रैंकिंग की छलांग 70 से सीधे 10 वें स्थान पर:-यदि आंकड़ों की बात करें, तो 2023 में सागर नगर की रैंक 70 वें स्थान पर थी, लेकिन मात्र एक वर्ष के अंदर इस रैंक को 60 स्थानों की छलांग लगाकर 10 वें स्थान तक पहुँचा देना, एक असाधारण उपलब्धि है। यह केवल आंकड़ों की नहीं, बल्कि संकल्प, समर्पण और सहयोग के कारण संभव हुआ। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में कचरा प्रसंस्करण ईकाई, सीवर प्रोजेक्ट, सी.एण्ड.डी.बेस्ट सिरोंजा, अमावनी डम्प साईट एवं सिटी ब्यूटी फिकेषन में 100 प्रतिषत अंक प्राप्त हुये इसके साथ ही सागर शहर पहली बार वाटर प्लस घोषित किया गया है।
शहर के ब्लैक स्पाटों को समाप्त कर किया सौन्दर्यीकरण निगमायुक्त ने शहर के सभी वार्डो में ऐसे ब्लैक स्पाटों को चिन्हित कराया जहॉ पर गंदगी रहती थी उन्होंने सूबेदार वार्ड स्थित शीतला माता मंदिर, अम्बेडकर वार्ड स्थित संविधान चौक, पीली कोठी स्थित स्टेप फाऊटेंन, डिग्री कालेज के सामने समुद्र मंथन एवं चकराघाट के सौन्दर्यीकरण एवं नवग्रह मंडपम का निर्माण के साथ ही शहर में विभिन्न स्थानों पर सौर्न्यीकरण के कार्यो से शहर की तस्वीर बदली जिसका स्वचछता की रैंक प्राप्त करने में विषेष योगदान रहा।
महापौर, निगमाध्यक्ष एवं निगमायुक्त ने नगरवासियों सहित अधिकारियों कर्मचारियों को दी बधाईः- महापौर संगीता सुषील तिवारी, निगमाध्यक्ष वृन्दावन अहिरवार एवं नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता 2024 में ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त होने पर शहर के सभी नागरिकों, सभी समाजसेवी संगठनों, स्वयंसेवी संस्थाओं, व्यापारिक संगठनों सहित नगर निगम की टीम को बधाई दी है।
निगम अधिकारी कर्मचारियों ने निगमायुक्त को बधाई दी स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में सागर शहर को पहली बार देष में 10 वीं रैंक प्राप्त होने पर नगर निगम के सभी अधिकारियों कर्मचारियों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत कर बधाई दी एवं मिठाई खिलायी।