पुरी में शुरू हुई भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा, भक्ति और उल्लास में डूबा पूरा शहर
पुरी (ओडिशा)। ओडिशा के पुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की विश्वप्रसिद्ध रथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है। हजारों श्रद्धालु सुबह से ही पुरी के जगन्नाथ मंदिर में जुटने लगे थे, जहां से भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ भव्य रथों में सवार होकर गुंडिचा मंदिर की ओर रवाना हुए। मान्यता है कि यह मंदिर भगवान की मौसी का घर है, जहां वे हर साल एक बार अपने परिजनों के साथ जाते हैं।
इस पावन यात्रा की शुरुआत से पहले, कल रत्न बेदी पर भगवान के ‘नबजौबन दर्शन’ (युवा रूप के दर्शन) के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा था। मंदिर के सिंह द्वार पर लोगों ने दर्शन कर खुद को धन्य माना। श्रद्धा, आस्था और जयघोषों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया।
यह रथ यात्रा कुल 12 दिनों तक चलेगी, और इसका समापन 8 जुलाई 2025 को ‘नीलाद्रि विजय’ के साथ होगा, जब भगवान जगन्नाथ अपने मूल स्थान — श्रीमंदिर — में पुनः विराजमान होंगे। इस दौरान अनेक धार्मिक परंपराएं, विशेष अनुष्ठान और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो ओडिशा की समृद्ध परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं।
रथ यात्रा के लिए महीनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं — लकड़ी से बने तीनों रथों का निर्माण, उनके सजावटी कार्य और सुरक्षा इंतजाम बड़े स्तर पर किए जाते हैं। पुरी की सड़कों पर उमड़ने वाली आस्था की यह लहर, न केवल भारत से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं को खींच लाती है।
यह यात्रा सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक आत्मा की जीवंत झलक है।