Thursday, December 4, 2025

अभिषेक शिल्पी भार्गव ने फाउंडेशन की रखी नींव: वेदिका फाउंडेशन जन्मजात बीमार बच्चों का कराएगा इलाज

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वेदिका फाउंडेशन जन्मजात बीमार बच्चों का कराएगा इलाज
अभिषेक शिल्पी भार्गव ने फाउंडेशन की रखी नींव, पूरे देश में बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए करेंगे काम

सागर। मध्यप्रदेश के एक युवा नेता एवं पूर्व मंत्री के पुत्र अभिषेक भार्गव एवं धर्मपत्नी श्रीमती शिल्पी भार्गव ने तीन वर्ष पूर्व अपने जुड़वा बच्चों को लेकर जो पारिवारिक एवं मानसिक पीड़ा झेली, ऐसी पीड़ा किसी और को न हो, इसके लिए उनके दुवारा जन्मजात ह्रदय रोगी बच्चों के निशुल्क इलाज कराने उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए वेदिका फाउंडेशन की नींव रखी है यह फाउंडेशन वेदिका फाउंडेशन उन नन्हें मुन्ने बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए समर्पित रहेगा ।जिन्हें जन्मजात हृदय की गंभीर बीमारियां है और जो आर्थिक तंगी और जानकारी के अभाव में अपना इलाज नहीं करा पा रहे हैं ।, फाउंडेशन की स्थापना को लेकर अभिषेक भार्गव कहते है कि कभी कभी आपके जीवन का सबसे बड़ा दर्द आपके जीवन का असल उद्देश्य निर्धारित करने में सबसे बड़ा सहयोगी सिद्ध होता है । मेरे भी जीवन में विगत कुछ वर्षों में ऐसा ही कुछ घटित हुआ है ।2021 में दो जुड़वा बच्चे एक बेटा और एक बेटी के रूप में मेरे परिवार में आए थे ।शुरू से मेरी बहुत इच्छा रही थी की मुझे एक बेटी ज़रूर हो ।परमात्मा ने इच्छा पूरी की हम सभी लोग बहुत प्रसन्न थे खुशियाँ मना रहे थे परंतु जन्म के अगले ही दिन अस्पताल में डॉक्टरों ने जो बात कहीं वाह शब्दों में आज तक नहीं भूल पाता हूँ ।उन्होंने मुझे मेरी बिटिया के जन्मजात हृदय रोग के विषय में बताया और कहा कि इसका इलाज संभव नहीं है ।संभवतः यह बच्चा कुछ दिन ही जीवित रह पाएगा साथ ही इसका इलाज भी पूर्णतःसंभव नहीं है ।डॉक्टरों की कहने के बाद मैं अंदर से बहुत टूट चुका था और भगवान के ऊपर ही सारी चीज़ों को मैंने छोड़ दिया था परंतु मेरी पत्नी उसने हार नहीं मानी, और अपने माध्यम से ही बेटी के उपचार के लिए डॉक्टरों से संपर्क करती रही ।लगभग एक साल की उम्र में दिल्ली में एस्कॉर्ट्स फोर्टिस हॉस्पिटल में बिटिया का ऑपरेशन हुआ ।

इलाज के दौरान अस्पताल में लगभग एक महीने तक लगातार आना जाना हुआ ।तो मैंने देखा कि सिर्फ़ मैं ही नहीं मेरे जैसे न जाने कितने माता पिता अपने छोटे छोटे बच्चों को ,जिनमें छह माह से लेकर दस बारह साल तक के बच्चे शामिल थे , वह सभी अस्पताल में अपना इलाज करा रहे थे लगातार अस्पताल में आने जाने के कारण परिजनों को परेशान होते हुए देखता था आर्थिक तंगी के कारण सही जानकारी न होने के कारण व्यवस्थित अस्पताल में भी परेशानी का सामना करना पड़ता था जब बिटिया स्वस्थ हुई तो मैं उसे वापस लेकर घर आया तो उसके बाद क्षेत्र में भी मैंने देखा कि कई परिजन अपने छोटे छोटे बच्चों के इलाज नहीं करवा पा रहा है जब मेरी उनसे बात होती है तो उनकी पीड़ा निकल कर सामने आती है।
पीड़ित परिवारों के लिए उचित सलाह मार्गदर्शन सहयोग एक मंत्री का परिवार

बच्चों के जन्म की खुशियाँ मना ही नहीं पाया की मानसिक परेशानियों में घिर गया था जा डॉक्टरों ने जुड़वा बच्चों में से बच्ची के लिए ला इलाज जन्मजात ह्रदय रोग बताया, इसके बाब कितने डॉक्टरों को दिखाया, बड़े बड़े हॉस्पिटलो में दिखाने ले गए, तो उन्हें एहसास हुआ की बच्चों की ऐसी बीमारी को लेकऱ अन्य माता पिता भी परेशान है कोई पैसो के कारण तो कोई इलाज कँहा हो इसकी जानकारी न होने कारण ! बच्चे अपना बचपन नहीं देख पा रहे है । अभिषेक भार्गव ने बताया कि सबसे बड़ा कारण जानकारी का अभाव है दूसरा आर्थिक तंगी ।इन दोनों कारणों के चलते ही परिवार अपने नन्हे मुन्ने बच्चों को अपनी आँखों के सामने दम तोड़ते हुए देखता है ।जब मैंने यह पीड़ा स्वयं महसूस की तब मन में 1 विचार आया कि क्यों न एक ऐसी संस्था का निर्माण किया जाए जिसमें इन नन्हें मुन्ने बच्चों को उचित इलाज की व्यवस्था कर सके ।नि शुल्क इलाज की व्यवस्था कर सकें ।साथ ही परिवार के लिए उचित सलाह और मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं ।बच्चों का चेकअप हो बच्चों का ट्रीटमेंट हो ,परिवार के लिए आर्थिक सहयोग हो ,इन सारे विचारों को ध्यान में रखते हुए मैंने और मेरी पत्नी शिल्पी भार्गव ने एक फाउंडेशन का निर्माण करने का विचार किया है ।जिसमें हम अपने निजी साधनों से बच्चों और उनके परिजनों को उचित इलाज और मार्गदर्शन प्रदान कर सके ।हमें इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए विषय विशेषज्ञ चिकित्सक और परिवार का सहयोग करने के लिए वॉलेंटियर्स की आवश्यकता है, जो अपना अमूल्य समय और सलाह और मार्गदर्शन इस फाउंडेशन को प्रदान कर सकें । इस फाउंडेशन को जिसका नाम हमने अपनी बिटिया के नाम पर रखा है वेदिका फाउंडेशन, उसे बढ़ाने में विस्तार देने में सहयोग करने वाले समर्पित सहयोगियों की आवश्यकता है ।जल्दी हम अपने फाउंडेशन को मूर्त रूप देने वाले हैं। हमारा यह वेदिका फाउंडेशन उन सभी बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए कार्य करेगा ।आशा है कि आप सभी भी अपने अपने स्तर पर ऐसे बच्चों को चिन्हित करके हमसे संपर्क करके उन बच्चों का सहयोग कर सकते हैं ।

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हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में 2006 से सक्रिय विभिन्न समाचार पत्रों और मैगजीन में कार्यरत रहा हूँ बदलते परिवेश के साथ डिजिटल मीडिया तेजी से ग्रोथ पर हैं "खबर का असर डॉट डॉम" न्यूज़ वेबसाइट पर कार्य करते हुए लंबा अनुभव हो गया। यहां स्वतंत्र रूप से निष्पक्ष पत्रकारिता करने का अच्छा अवसर मिल, आप सब पाठकों का स्नेह और सहयोग रूपी व्यू हिट्स भी लाखों में दर्ज हो रहे हैं। केवल खबरो पर केंद्रित यह न्यूज़ वेबसाइट जनता की आवाज बन चुकी हैं।