मकरोनिया से आये श्रद्धालु मनीष गिरी गोस्वामी ने सपरिवार यजमान बनकर की गंगा आरती
लाखा बंजारा झील किनारे विट्ठल मंदिर घाट पर गंगा आरती में हजारों की संख्या में शामिल हुये श्रद्धाल
सागर। नागरिकों में अपने गौरवशाली अतीत से जुड़ी धरोहरों व जलस्रोतों के संरक्षण की भावना जाग्रत करने के उद्देश्य से लाखा बंजारा झील किनारे प्रारम्भ की गई गंगा आरती में आज बड़ी संख्या में नागरिक शामिल होकर धर्मलाभ ले रहे हैं और अपनी अनमोल धरोहर से जुड़ रहे हैं। ऐतिहासिक लाखा बंजारा झील को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने व स्वच्छता के प्रति जन-जागरुकता लाने के उद्देश्य से नगर निगम आयुक्त एवं स्मार्ट सिटी सह कार्यकारी निदेशक श्री राजकुमार खत्री के मार्गदर्शन में इस सोमवार को विट्ठल मंदिर के सामने घाट पर आयोजित की गई गंगा आरती में बड़ी संख्या में शहर के विभिन्न वार्डों के नागरिकों सहित दूर दूर से आये श्रद्धालु उत्साह,श्रद्धा एवं भक्तिभाव से शामिल होकर धर्म लिया और गंगा आरती के आयोजन की सराहना की। उल्लेखनीय है कि स्मार्ट सिटी सह कार्यकारी निदेशक एवं नगर निगम आयुक्त श्री राजकुमार खत्री के मार्गदर्शन में चकराघाट पर किए गये सौन्दर्यीकरण के कार्यों के कारण यह ऐतिहासिक स्थल नागरिकों के आकर्षण का केंद्र बन गया है और स्वच्छ सर्वेक्षण, राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम व जल गंगा संवर्धन आदि अभियानों के तहत गंगा आरती ने इसे और भी रोमांचक बनाया है। झील किनारे सैर सपाटा करने तथा चकराघाट पर पूजन करने आने वाले नागरिकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है।
गंगा आरती में मुख्य यजमान बन सकते हैं नागरिकजन
गंगा आरती के अवसर पर मकरोनिया से आये श्री मनीष गिरी गोस्वामी जी ने अपने परिवार सहित यजमान बनकर आरती की और धर्मलाभ लिया उन्होंने आरती की सराहना करते हुये कहा की ऐसे आयोजन सभी के लिए भगवत सेवा से जोड़ने के साथ ही धर्म लाभ दिलाने में सहायक हैं हमारे परिवार ने उत्साह के साथ इस आयोजन में शामिल होकर ख़ुशी पायी है। अपनी ऐतिहासिक धरोहर लाखा बंजारा झील किनारे यह अद्भुत आयोजन नागरिकों को झील से जोड़ रहा है। शहर के जो भी सम्माननीय नागरिकजन यजमान बनना चाहते हैं वे गंगा आरती के 30 मिनट पहले आरती स्थल पर श्री अंकित दीक्षित या पुजारीजन से चकराघाट पर संपर्क कर यजमान बन सकते हैं।
झील किनारे घाटों पर और सड़क की ओर बढ़ रहीं आर्थिक गतिविधियां
सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लाखा बंजारा झील के आकर्षक पुनर्विकास से झील किनारे सैर करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गंगा आरती जैसे आयोजन से लगातार चहल पहल बढ़ रही है अब तो लगभग प्रतिदिन यहां आने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है इसे देखते हुये मेले के स्वरूप में दुकाने भी बढ़ती जा रहीं हैं गायत्री परिवार आदि जीवनपयोगी साहित्य की किताबों का विक्रय नाममात्र के शुल्क पर करते हैं, घाट पर खिलौनो आदि की फुटपाथ दुकाने बढ़ी हैं सड़क की ओर भी दुकानदारों का व्यापार बढ़ा है। यह पर्यटन और आर्थिक गतिविधि के बढ़ने के सकारात्मक संकेत हैं।