अमानक दवाओं की आपूर्ति के खिलाफ बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों का प्रदर्शन
सागर। बुंदेलखंड चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सा शिक्षकों ने अमानक दवाओं की आपूर्ति के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। डॉक्टरों ने प्रतीकात्मक रूप से स्तरहीन दवाओं को जलाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। उनका कहना है कि खराब गुणवत्ता की दवाओं से मरीजों की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और इसका सीधा दोष डॉक्टरों पर मढ़ा जाता है।
दोषी कंपनियों पर कार्रवाई की मांग
चिकित्सकों ने सरकार से मांग की है कि दोषी दवा कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। संघ के सचिव डा. अखिलेश रत्नाकर ने कहा कि उनकी अन्य मांगों में डीएसीपी, टेक्निकल रेजिग्नेशन, सेवेंथ पे कमीशन के एरियर में विश्वासघात और एनपीए की विसंगति जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।
सरकारी अस्पतालों में इलाज की अनिवार्यता की मांग
एमटीए अध्यक्ष प्रो. डा. सर्वेश जैन ने कहा कि यदि सभी निर्वाचित प्रतिनिधि और सरकारी अफसर केवल सरकारी अस्पतालों में इलाज कराएं, तो देश के सरकारी अस्पताल एक महीने में विश्वस्तर के बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब तक नीति निर्माता जमीनी हकीकत से नहीं जुड़ेंगे, तब तक आम जनता की समस्याएं नहीं सुलझेंगी।
आंदोलन को मिला समर्थन
आज के प्रदर्शन में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन और कर्मचारी संगठनों ने आंदोलन को नैतिक समर्थन दिया। कल आंदोलन के तीसरे दिन धरना प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा।
बैठक में प्रमुख डॉक्टरों का संबोधन
बैठक को डा. मनोज साहू, डा. अजय सिंह, डा. राकेश माहोर और डा. अनेकांत जैन ने भी संबोधित किया और सभी ने मिलकर सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की।
इस आंदोलन ने स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार और अमानक दवाओं की आपूर्ति पर सख्ती से रोक लगाने की मांग को फिर से प्रबल कर दिया है।