सागर में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहे निर्माण कार्य, सड़क/पुलिया बनते ही जर्जर
सागर। देवरी विकासखंड की अधिकांश ग्राम पंचायतों में शासन द्वारा विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली लाखों करोड़ों रुपए की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।सड़क ,नाली, निर्माण और सामुदायिक भवन निर्माण, आंगनवाड़ी भवन, तालाब निर्माण , में अनियमितताएं हो रही हैं, सरपंच और सचिव मिलकर जमकर पलीता लगा रहे हैं। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कभी निरीक्षण नहीं करते। और ना ही कभी कोई कार्रवाई। शिकायत मिलने के बाद भी जिम्मेदार मामलों को दबा दिया करते हैं,ऐसे अनेकों मामले सामने आ रहे हैं जिसमें राशि का आहरण के बाद भी मौके पर काम नहीं हुए हैं।
ताजा मामला देवरी नगर से सटी ग्राम पंचायत कांसखेड़ा में तत्कालीन दमोह संसदीय क्षेत्र के सांसद प्रहलाद पटेल द्वारा 20 लाख रुपए की सांसद निधि से सामुदायिक भवन स्वीकृत किया गया था। जिसमें से 4.10लाख की दो किस्तों पंचायत के खाते में प्राप्त हुई थी जिसकी पंचायत द्वारा डेढ़ 2 माह पहले आहरण कर ली गई, लेकिन पंचायत भवन का निर्माण कार्य शुरू तक नहीं हुआ है। पिछले सप्ताह भवन निर्माण के नाम पर एक डंपर मुरम एवं एक डंपर गिट्टी डाल दी गई है। जहां सामुदायिक भवन की जगह चिन्हित की गई है वहां बरसात में पानी भरा रहता है। झील नुमा स्थान पर सामुदायिक भवन की स्वीकृति कराए जाने पर गांव वालों ने सवाल खड़े किए हैं। बताया जाता है कि सामुदायिक भवन की प्राप्त 8लाख की राशि अनियमिता का शिकार हो गई।
इस मामले में ग्राम पंचायत के सचिव चमन लाल अहिरवार का कहना है कि जानकारी सरपंच से मांगो, हम तो पैसा निकालने वाले हैं, सामुदायिक मंगल भवन हां बन चुका है, जाकर देख आओ। हमें नहीं पता है।
वहीं इस मामले में जब सरपंच मोनू पटेल से बात करना चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।
जनपद पंचायत सीईओ मनीषा चतुर्वेदी ने
कॉल रिसीव नहीं किया।
जनपद पंचायत के सब इंजीनियर संजय खटीक का कहना है कि विकास कार्यों की राशि निकल गई है, मुझे काम दिखाई नहीं दिये है। जिन निर्माण कार्यों में राशि निकाली गई है वह मेरे कार्यकाल के नहीं है।
जिला पंचायत सीईओ विवेक के बी का कहना है, ग्राम पंचायत कांसखेड़ा में निर्माण कार्यों में अनियमिताओ और विकास कार्यों की राशि के बंदरबांट किए जाने की शिकायत की जांच कराऊंगा।
लोक निर्माण विभाग के ठेकेदार द्वारा कांसखेड़ा से डमरा को जोड़ने वाली 4 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण कराया जा रहा है, जिस पर 9 पुलियों का निर्माण होना प्रस्तावित है।
इसकी जानकारी मिलने पर ग्राम पंचायत कांसखेड़ा के सरपंच, सचिव ने 15 वां वित्त योजना मद से 9 लाख रूपये की राशि स्वीकृत कराकर एक दिन में नौना पुलिया निर्माण के नाम पर महज सीमेंट कंक्रीट की 9 पाइप डालकर मिट्टी से ढक दिया था।जहां सीमेंट कंक्रीट की पुलिया निर्माण कराए बगैर ही करीब 7 लाख रुपए की राशि आहरण करली गई हैं। जबकि पुलियों की लागत करीब 1 लाख ही बताई जा रही है। इस पुलिया निर्माण के नाम पर लाखों रुपए की राशि का बंदरबांट हुआ है। क्योंकि सरपंच और सचिव को पता था कि कुछ ही महीने बाद सड़क निर्माण कंपनी इसी स्थान पर नई पुलिया का निर्माण करेगी। पुलिया निर्माण की सूक्ष्मता से जांच हो तो लाखों का भ्रष्टाचार सामने आ सकता है।
सड़क निर्माण में अनियमिताएं, दरार आई-ग्राम पंचायत कांसखेड़ा में मेन रोड से स्कूल तक और स्कूल से गांव के लिए जाने वाली सड़क निर्माण के नाम पर करीब 10 लाख रुपए की राशि में बंदर बांट किया गया है। यहां पर सीमेंट कांक्रीट रोड पूर्व से बनी हुई थी जो कुछ स्थान पर उखड़ गई थी। पंचायत द्वारा बरसात पूर्व सड़क की मरम्मत कराकर मात्र 1 इंची सीमेंट कंक्रीट की लेयर डालकर बनाया गया। जिसकी तराई न कराए जाने और घटिया काम के चलते जगह-जगह सड़क पर दरारे उत्पन्न हो गई हैं कांसखेड़ा एवं छीर में नाली निर्माण में भी लाखों रुपए की अनियमिताएं की गई हैं, जो जांच का विषय है।
इसी पंचायत के ग्राम घुघरी में जनपद निधि से ₹5लाख नाली निर्माण के लिए स्वीकृत हुए थे जो अरविंद दुबे के यहां से मंदिर तक बनाई जाना थी
जिसमें मौके पर अभी तक नाली का निर्माण नहीं हुआ है और करीब ₹2 लाख की पहली किस्त निकले जाने की खबर है।
अनियमितताओं को छुपाने के लिए ब्लर करते हैं बिल-सरकार ने पंचायत के विकास कार्यों में पारदर्शी रखने के लिए पंचायत दर्पण पोर्टल का निर्माण किया है। जिसमें पंचायत द्वारा किए जाने वाले खर्चो का विवरण लोड किया जाता है, लेकिन ग्राम पंचायत कांसखेड़ा ने पंचायत दर्पण एप में अपनी अनियमितताओं को छुपाने के लिए लोड किए गए बिलों को ब्लर कर दिया है ताकि प्रमाण हाथ ना लग सके।