लोकायुक्त की धुआंधार कार्रवाई, डॉक्टर, प्रिंसिपल और जीएसटी अधिकारी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को राज्यभर में भ्रष्टाचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कई प्रमुख अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। अलीराजपुर से उज्जैन तक फैली इस व्यापक छापेमारी में लोकायुक्त की टीम ने सरकारी अधिकारी और कर्मचारी, जिनमें डॉक्टर, प्रिंसिपल और जीएसटी अधिकारी शामिल हैं, को भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़ा है।
अलीराजपुर: प्रिंसिपल ने मांगी 10% कमीशन
अलीराजपुर के आदर्श एकलव्य विद्यालय, जोबट के प्रिंसिपल अभिषेक पांडे को 30,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। यह शिकायत विद्यालय के वार्डन सिकदार कनेश द्वारा की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि मेस संचालन के लिए 4.50 लाख रुपए की राशन सामग्री की खरीदारी के बाद, बिल पास करने के लिए प्रिंसिपल ने 10% कमीशन की मांग की थी। इंदौर लोकायुक्त की टीम ने जांच के बाद, जोबट स्थित पांडे के सरकारी आवास से उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया।
रीवा: डॉक्टर ने पीएम रिपोर्ट के बदले मांगी रिश्वत
रीवा लोकायुक्त की टीम ने उमरिया जिले के मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर राजेंद्र मांझी को 3,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। डॉक्टर मांझी पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के बदले रिश्वत की मांग कर रहे थे और पैसे न मिलने पर रिपोर्ट को बिगाड़ने की धमकी दे रहे थे। शिकायत सही पाए जाने के बाद, डॉक्टर को लोकायुक्त ने रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
उज्जैन: जीएसटी अधिकारी रिश्वत लेते गिरफ्तार
इंदौर में वाणिज्य कर विभाग के दफ्तर में लोकायुक्त ने दो महिला जीएसटी अधिकारियों, विजया भिलाला और किरण जोशी, को 3,500 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। दोनों अधिकारियों पर जीएसटी नंबर देने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप था। लोकायुक्त की टीम ने ऑफिस में ही दोनों को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।
भ्रष्टाचारियों में हड़कंप
लोकायुक्त की इन ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से राज्य के भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है। बीते कुछ दिनों में लोकायुक्त ने प्रदेश के कई अन्य बड़े भ्रष्टाचारियों को भी शिकंजे में लिया है। लोकायुक्त की इस आक्रामक रणनीति से राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों पर लगाम लगाने की उम्मीद की जा रही है।