बिना सिर पैर का मिला था शव, पुलिस ने किया मामलें में खुलासा
सागर। बीते दिनों थाना महाराजपुर पुलिस को तालाब में मिली थी अज्ञात लाश जिसका सिर पैर हाथ गायब थे जिसपर थाना पुलिस ने अप. क्र.-167/24 धारा-103(1),238,115,61(2),3(5) बीएनएस
घटना स्थल- ग्राम हरदुली मौजा जंगल किनारे बना तालाब घटना दि.- 23.08.2024 के दिन करीब 11 बजे से 12. बजे के बीच
घटना का विवरण- दिनांक 02.09.24 को ग्राम हरदुली मौजा जंगल किनारे बना तालाब में एक अज्ञात शव सड़ी गली हालत में मिला था। पोस्टमार्टम के दौरान ही पीएम हाउस (पोस्ट मार्टम हाउस) के बाहर ग्राम समनापुर आफतंगज के कुचबंदिया समाज के लोग भी एकत्रित हुये थे । जो पंचानों की उपस्थिति में शव का पी.एम. कराया गया था। जिन्होनें अज्ञात शव को अर्जुन कुचबंदिया के होने की संभावना जताई थी। जो दिनांक 23.08.24 से गुमशुदा था। जिसका थाना महाराजपुर में गुम इंसान पंजीबद्ध होकर जांच में पूर्व से ही था परंतु शव का हाथ, पैर व सिर नहीं होने से और शव सड़ी गली अवस्था में होने से उनके द्वारा शव की पहचान संबंधी कोई पुख्ता प्रमाण नही देपा रहे थे । अतः मृतक की पहचान हेतु मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया गया।
थाना महाराजपुर पुलिस द्वारा मृतक अज्ञात व्यक्ति का मर्ग कायम कर जांच में लिया गया अज्ञात शव की पहचान हेतु डी.एन.ए. सैंपलिंग कराकर एफ.एस.एल. सागर भेजकर परीक्षण हेतु जमा कराया गया । शव पंचनामा के दौरान शव का अर्जुन कुचबंदिया का होने का संदेह जताने पर महाराजपुर पुलिस द्वारा प्रकरण गंभीर होने से लगातार जांच की गई जो जांच मे मृतक अर्जुन कुचबंदिया के परिजनो सेपूछताछ कर लगातार साक्ष्य संकलन किया गया जोघटना के संबंध में तथ्य आएकि मृतक अर्जुन कुचबंदिया अपने साथी जनो के साथ अक्सर जंगलों मे घूमता थादिनांक 23.08.24 को अर्जुन कुचबंदिया अपने जीजा अकल कुचबंदिया के साथ हरदुली से जंगल की तरफ जा रहा था तभी उस पर कोमल गौड की नजर पडी तो कोमल गौड ने सोचा कि यह लोग बकरी चुराने आये है बकरी चुराने की शंका होने पर कोमल गौड़ एक लाठी लेकर अर्जुन के पीछे पीछे गया कोमल ने अर्जुन को हरदुली के जंगल मे पकड लिया और लाठी से मारपीट करने लगा तभी वहां पर मौजूद अपने साथियो जियालाल कोल, गोलू कोल, मुन्ना कोल को भी बुला लिया उनसे कहने लगा कि यह आज फिर बकरी चुराने आया है । जो यह लोग अकल कुचबंदिया को मारने दौडे तो अकल कुचबंदिया वहां से भाग गया बाद मे यह लोग अर्जुन को मारते रहते जब वह बेहोश होकर गिर गया थोड़ी देर बाद अर्जुन कुचबंदिया की मृत्यु हो गई जिसके बाद पकडे जाने के भय से कोमल गौड द्वारा अपने साथियो के साथ मिलकर दो दिन बाद रात्रि मे अर्जुन की लाश को उठाकर जंगल मे बने तलाब मे ले गये अर्जुन की पहचान छुपाने के लिये आरोपियो द्वारा लाश की गर्दन, हाथो के कौंचे एवं पैरों के पंजे काट लिये जिससे लाश की पहचान न होने पाये एवं शव को पत्थर बंधाकर जंगल के तलाब मे फेंक दिया तथा काटे हुये सिर एवं हाथ और पैर को बोरी मे भरकर जंगल मे ही दूसरे तलाब मे फेंक दिया जिससे कभी पुलिस को अर्जुन की लाश न मिल पाये परन्तु बाद मे अर्जुन का शव फूलकर ऊपर आ जाने शव के मिलने पर पुलिस द्वारा शव का पीएम कराकर जांच की सघन जांच की गई तथा प्रकरण का खुलासा कर आरोपियो की गिरफ्तारी कर आरोपियों से पूछताछ में आरोपियों द्वारा अपराध करना स्वीकार किया, तत्पश्चात आरोपियो को माननीय न्यायालय मे पेश कराकर जेल भेजा गया है।
घटना का खुलासा करने में निरी0 संधीर चौधरी थाना प्रभारी देवरी, उनि0 मीनेष भदौरिया थाना प्रभारी महराजपुर, सउनि गनगौर प्रसाद, प्रआर0 132 बाबू सिंह, प्र0आर0 583 धरदास बंसल, आरक्षक 1175 हुकुम सिंह धुर्वे, आर0 1745 हरिओम चौरसिया, आर0 157 हरिराम, आर0 259 परमानंद ठाकुर, आर0 1813 संजय सिंह, आर0 691 ऋषभ उपमन्यु, आर0 276 राजेन्द्र, आर0 1259 विपिन, आर0 704 आनंद भगत, आर0 1268 योगेश परोची, आर0 928 मधुर, म0आर0 1777 ललित, म0आर 1738 रागिनी म0आर0 1191 अंजना उईके, का सराहनीय योगदान रहा।