अपने जीवन को आदर्श बनाना चाहते हो तो श्री राम चरित मानस का अनुसरण करना पड़ेगा- गृहस्थ संत केशव गिरी महाराज
सागर। सरस्वती शिशु मंदिर बंडा में विद्यार्थियों को एवं उपस्थित जनमानस को सामाजिक समरसता एवं राष्ट्र हित उपदेश को देते हुए गृहस्थ संत केशव गिरी महाराज ने कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही राष्ट्र निर्माण का और एक सामाजिक समरसता का रूपी समाज का निर्माण होता है, अपने विचारों को व्यक्त करते हुए महाराज जी ने कहा कि विद्यार्थी का बचपन एक प्रभावशाली उम्र है जहां नींव रखी जाती है और बुनियादी मूल्यों को स्थापित किया जाता है। यह वह चरण है जब संस्कार और विश्वास के बीज बोए जाते हैं, और वह बीज बोने का कार्य सरस्वती शिशु मंदिर संस्कार रूपी शिक्षा रूपी मंदिर और माता-पिता ब आचार्य गुरुजनों और शिक्षक शिक्षिकाओं के द्वारा बोए जाते हैं जो निश्चित रूप से समाज में एक संस्कारवान वृक्ष का स्वरूप लेकर पूरे समाज को संस्कारित करते हैं महाराज जी ने कहा कि विद्यार्थियों को राम चरित मानस में भगवान श्री राम के चरित्र को पढ़कर भगवान राम जी के चरित्र का अनुसरण करना चाहिए जीवन जीने की पूरी कला रामचरितमानस में ही निहित है रामचरितमानस की हर पात्र को अपने परिवार का पात्र बना देने से राम राज्य आ जाएगा और भगवान श्री कृष्ण के द्वारा गीता में दिए हुए उपदेश को अपने जीवन में उतरने से एक सफल जीवन तक पर पहुंच सकते हैं रामचरितमानस का अनुसरण करने व वाले का जीवन आदर्श जीवन हो जाता है जिसे लोग अपना आदर्श मानते है। इस पावन पुनीत शुभ अवसर पर वीरेंद्र सिंह जी सिगदौनी, श्रीकांत सराफ, अभिषेक गौर,भूपेंद्र सिंह, धर्मेंद्र सिंह परासिया, पूर्व विधायक तंवर सिंह लोधी जगदीश ठाकुर,राजा चौहान, इंजीनियर महेंद्र गोस्वामी उपस्थित रहे, कार्यक्रम का आभार सरस्वती शिशु मंदिर के प्राचार्य श्री राजपूत ने व्यक्त किया।