सागर। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गणेश एवं दुर्गा उत्सव के लिए पीओपी की प्रतिमा बनाने पर NGT की गाइडलाइंस के अनुसार पूर्व से ही प्रतिबंध लगाया है। साथ ही मूर्तिकारों को निर्देशित किया गया है कि मूर्तिकार पीओपी की प्रतिमाएं नहीं बनाएं, यह प्रतिबंधित है। इनकी बजाय मिट्टी की प्रतिमाएं बनाई जाएं। पीओपी की मूर्ति बनाते मिलने पर मूर्तिकार पर दो साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा।
यह हैं नियम
मूर्ति बनाने वाले शिल्पकारों व कारीगरों को नगरीय निकायों में पंजीकृत होना चाहिए। पंजीकरण शर्तों का उल्लंघन करने और जारी निर्देशों का पालन नहीं करने पर मूर्ति निर्माता के खिलाफ प्रतिबंधित करने की कार्रवाई की जाएगी। बोर्ड के अनुसार प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से निर्मित मूर्तियों पर प्रतिबंध है।
पीओपी से प्राकृतिक जलस्रोतों की गुणवत्ता खराब होती है। गौरतलब है कि हर साल बोर्ड पीओपी की मूर्तियां न बनाने के आदेश जारी करता है। बावजूद इसके शहर में धड़ल्ले से मूर्तियों का निर्माण होता है और बाजार में खुलेआम बिक्री होती है। ऐसे में नगर पालिका निगम के सामने इस बार पीओपी की मूर्तियों के निर्माण और बिक्री को रोकना कठिन चुनोती माना जा रहा हैं।
शहर और उपनगर में धड़ल्ले से बिक रही पीओपी की मूर्तियां
NGT की गाइडलाइंस के विमुख सागर शहर और उपनगर मकरोनिया में धड़ल्ले से बड़ी-बड़ी पीओपी की मूर्तियां बाजारो में धड़ल्ले से बिकने जगह-जगह स्टॉल लगा हैं पर विभागों की उदासीनता के चलते कोई कार्यवाई नही होती दिखाई दे रही हैं।
सागर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का दफ्तर धरातल पर कार्य करते नही दिखाई देता सूत्र बताते हैं वे केवल माल मलाई के कार्यो में रुचि दिखाते हैं क्रेशर, फैक्ट्रियों, अस्पताल, माइनिंग खदानों के कार्यो में हालांकि प्रदूषण नियंत्रण के कार्य में भी कोई ठोस काम नही हो रहे बस दवाब बनाकर अपने उल्लू सीधे कर रहे अधिकारी।
गजेंद्र ठाकुर- 9302303212