आगामी सोमवार को चकराघाट के पास विट्ठल मंदिर घाट पर होगी जल गंगा आरती
सागर । लाखा बंजारा झील किनारे घाटों पर प्रति सोमवार को आयोजित की जा रही भव्य जल गंगा आरती से नागरिकों में धार्मिक सांस्कृतिक उत्साह के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति सकारात्मक परिवर्तन देखने मिल रहा है यह बात नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड राजकुमार खत्री ने शुक्रवार को झील का निरीक्षण करते समय चकराघाट, बालभोले घाट एवं भट्टो घाट के पास बनी नाडेप पिट हौदियों में विसर्जित पूजन सामग्री फूल माला आदि देख कर कही। उन्होंने कहा की अब नागरिक पूजन सामग्री आदि विसर्जन करने के लिए घाटों पर बनी नाडेप हौदियों का उपयोग करने लगे हैं। उन्होंने घरों पर मनाये जाने वाले विभिन्न त्योहारों उत्सवों के दौरान घरों से विसर्जन हेतु निकलने वाली सामग्री को इन्ही हौदियों में पॉलीथिन थैले आदि से निकाल कर डालने की अपील नागरिकों से की है। इससे इन फूल पत्ती आदि पूजन सामग्री द्वारा बेहतर खाद का निर्माण किया जा सकेगा जो पौधों को पोषण देने में उपयोगी बनेगी। नाडेप हौदियों में विसर्जन सामग्री डाली जाने से झील को साफ-स्वच्छ बनाये रखने में महत्वपूर्ण सहयोग मिलेगा। उन्होंने उपस्थित अधिकारीयों को निर्देशित करते हुये कहा की आगामी सोमवार को चकराघाट के पास विट्ठल मंदिर के सामने वाले घाट पर जल गंगा आरती का भव्यता के साथ आयोजन किया जाना है इसकी सभी तैयारियां समय से पूरी करायें। अधिक से अधिक नागरिक जल गंगा आरती के इस साप्ताहिक आयोजन में प्रति सोमवार को शामिल हों और धार्मिक, आध्यात्मिक ऊर्जा से युक्त इस सांस्कृतिक आयोजन के साक्षी बनें इसका समुचित प्रबंध करें। इस आयोजन से हमारी ऐतिहासिक झील एक सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी ख्याति प्राप्त कर रही है। प्रति सप्ताह अलग-अलग स्थानीय लोककलाकारों एवं अन्य कलाकारों को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने हेतु एक समृद्ध मंच इस आयोजन के माध्यम से दिया जा रहा है। उन्होंने झील किनारे अनावश्यक दीवारों को हटाने और विशाल पेड़ पौधों की कटाई, छटाई कर परिसर को व्यवस्थित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा की झील किनारे कहीं भी डार्क स्पॉट न बने इसका ध्यान रखते हुये प्लांटेशन एवं निर्माण कार्य करें और आवश्यकतानुसार रौशनी के समुचित प्रबंध करें।
उन्होंने कहा की पर्याप्त लाइटिंग और रौशनी से यहाँ देर रात्रि तक नागरिक सपरिवार घूमने आ सकेंगे। विट्ठल मंदिर के सामने बनी देवी-देवताओं की सभी छतरियों की रंगाई पुताई सहित घाट की साफ-सफाई सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुये कहा की लाखा बंजारा झील यहाँ की ऐतिहासिक विरासत होने के साथ ही धार्मिक- सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र बन रही है। हमारी झील साफ-स्वच्छ रहे इसमें जागरूक नागरिकों की बड़ी भूमिका है। झील के किनारे सब ओर सुरम्य सोहाद्रपूर्ण शांतिमय वातावरण हो ताकि स्थानीय नागरिकों के साथ ही अन्य शहरों से आने वाले पर्यटक भी आकर्षित हों और एक स्वस्थ वातावरण में झील के नजारों, यहाँ के मंदिरों एवं अन्य सुविधाओं आदि का आंनद ले सकें। उन्होंने कहा की झील के सभी घाटों पर सांस्कृतिक धार्मिक आयोजन हो और नागरिकों का अधिक संख्या में झील और जलस्रोतों से धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जुड़ाव हो। उन्होंने कहा की शासन द्वारा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, स्वच्छ भारत मिशन, नमामि गंगे आदि अभियानों के माध्यम से साफ-सफाई और स्वच्छ समृद्ध पर्यावरण हेतु नागरिकों को प्रेरित किया जा रहा है। नागरिक जल, वायु और पृथ्वी जैसे जीवन के अभिन्न घटकों को साफ, स्वच्छ, सुरक्षित रखकर पर्यावरण के संरक्षण में सहयोगी बने इस उद्देश्य के साथ ही प्रति सप्ताह जल गंगा आरती का सांस्कृतिक आयोजन सागर स्मार्ट सिटी में भी किया जा रहा है। बड़ी संख्या में नागरिकों का जल गंगा आरती में शामिल होना हर्ष का विषय है।