कृष्ण जन्माष्टमी पर झील किनारे गंगा आरती के साथ ही झूला में श्रीकृष्ण होंगे भक्ति और आकर्षण का केंद्र
सागर। लाखा बंजारा झील किनारे घाट पर विगत दो सोमवार से आयोजित की जा रही भव्य जल गंगा आरती प्रति सप्ताह आयोजित की जायेगी। आगामी सोमवार दिनांक 26 अगस्त को कृष्ण जन्मआष्ट्मी के महापर्व अवसर को देखते हुये भट्टो घाट के पास अष्टसखी मंदिर के सामने घाट पर जल गंगा आरती का आयोजन किया जायेगा। विधायक शैलेन्द्र जैन की पहल पर आयोजित की जा रही इस जल गंगा आरती का उद्देश्य नागरिकों को जलस्रोतों और अपनी सांस्कृतिक, धार्मिक और ऐतिहासिक विरासतों और पर्यावरण के संरक्षण की भावना से ओतप्रोत बनाना है।
विधायक शैलेन्द्र जैन ने नगर निगम आयुक्त सह कार्यकारी निदेशक सागर स्मार्ट सिटी लिमिटेड राजकुमार खत्री के साथ झील के चकराघाट, भट्टोघाट और गणेशघाट का जायजा लिया एवं जल गंगा आरती हेतु की जा रहीं तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा ही आगामी सोमवार को कृष्ण जन्मआष्ट्मी का उत्सव है इस उपलक्ष्य में भट्टोघाट पर बनाये गये लाल पत्थर के गाजीवो में श्रीकृष्ण जी की सुन्दर झूला झांकी सजायी जाये इससे यहाँ आने वाले श्रद्धालु नागरिकों में और भी उत्साह का संचार होगा।उन्होंने फूलपत्ती माला एवं पूजन सामग्री विसर्जित करने के लिए चकराघाट पर बनाई गयी नाडेप पिट होदीयों को देखकर कहा की नागरिक इन होदीयों में विसर्जन सामग्री पॉलिथिन में बांध कर न डालें। थैले, पॉलीथिन या अन्य से पूजन सामग्री निकाल कर नाडेप पिट में डालें जिससे उस सामग्री की खाद बन सके और पौधों को पोषण देने लायक खाद बनाया जा सके। उन्होंने झील किनारे घाट पर चाइल्ड सीढ़ियों के निर्माण हेतु कहा, जिससे बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को चढ़ने-उतरने में आसानी होगी। इसके साथ ही पाथवे किनारे लगाये जा रहे फ्लेग स्टोन कार्य का भी निरीक्षण किया। झील किनारे वृक्षारोपण की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा की शहर में जलभराव की स्थिति न बने और दूषित जल तलाब में न जाये इसके पुख्ता प्रबंध करें। गाय आदि मवेशी प्रवेश न करें इसके लिए काऊकैचर लगायें। उन्होंने तालाब के पानी मे सिक्का डालकर पानी की गुणवत्त्ता देखी। इसके साथ भट्टों घाट के पर स्थित पार्क का भी सौन्दर्यीकरण कर आकर्षक बनाने हेतु कहा। चकराघाट स्थित एलीवेटेड के पुल के नीचे जल निकासी की व्यवस्था हेतु निर्देशित किया।
नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने कहा की पर्याप्त लाइटिंग और रौशनी से यहाँ देर रात्रि तक नागरिक सपरिवार घूमने आ सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने आगामी सोमवार को यहाँ आयोजित होने वाली जल गंगा आरती हेतु की जा रहीं तैयारियों को लेकर कहा की छतरियों सहित घाट की साफ-सफाई सुनिश्चित करें। लाखा बंजारा झील यहाँ की ऐतिहासिक विरासत होने के साथ ही धार्मिक- सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र भी है। स्थानीय नागरिकों को इसकी गरिमा और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हमारी झील साफ-स्वच्छ रहे इसमें जागरूक नागरिकों की बड़ी भूमिका है। झील में या घाटों पर कहीं भी कचरा फेकने वाले लोगों को नागरिक स्वयं रोकें इस प्रकार नागरिकों को जागरूक करने का कार्य निगमकर्मी करें। उन्होंने सफाई दरोगा एवं अन्य सफाई कर्मियों को निर्देश दिये की झील के आस-पास पान गुटखा खाकर थूकने वालों पर चालानी कार्यवाही करें। उन्होंने झील में कपड़े धो रहे व्यक्ति को समझाइस देते हुये कहा की झील में कपड़े धोना, फूलमाला एवं अन्य पूजनसामग्री पॉलीथिन में बांध कर फेकना, कचरा फेकना आदि प्रतिबंधित है। उक्त व्यक्ति आगे से ऐसा न करें इसके लिए चालान बनाने के निर्देश भी दिये। निगमकर्मियों को निर्देश दिये की किसी भी व्यक्ति द्वारा झील किनारे असामाजिक कार्य करते हुये पाये जाने पर तत्काल पुलिस को सूचित करें और कार्यवाही करायें। उक्त असामाजिक व्यक्तियों के फोटो वीडियो बनायें ताकि कार्यवाही सुनिश्चित की जा कर सबक सिखाया जा सके। झील के किनारे सब ओर सुरम्य सोहाद्रपूर्ण शांतिमय वातावरण हो ताकि स्थानीय नागरिकों के साथ ही अन्य शहरों से आने वाले पर्यटक भी आकर्षित हों और एक स्वस्थ वातावरण में झील के नजारों, यहाँ के मंदिरों एवं अन्य सुविधाओं आदि का आंनद ले सकें। उन्होंने कहा की झील के सभी घाटों पर सांस्कृतिक धार्मिक आयोजन हो और नागरिकों का अधिक संख्या में झील और जलस्रोतों से धार्मिक, आध्यात्मिक और सामाजिक जुड़ाव हो। उन्होंने कहा की शासन द्वारा नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम, स्वच्छ भारत मिशन आदि अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। ताकि नागरिक जल, वायु और पृथ्वी जैसे जीवन के अभिन्न घटकों को साफ, स्वच्छ, सुरक्षित रखकर पर्यावरण के संरक्षण में सहयोगी बने।