आर्थिक अपराधों पर पुलिस की समीक्षा बैठक /ADG ने दिए यह निर्देश

सागर–/आज दिनांक 12/02/2020 पुलिस कंट्रोल रूम में राजेन्द्र मिश्रा-अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (वित्तीय अपराध, को.फ्रॉड, लोकसेवा गारन्टी एवं सूचना का अधिकार) ने उच्चस्तरीय बैठक की जिसमें सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर किंग वित्तीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबंधित लंबित अपराधी एवं शिकायतो, लोक सेवा गारण्टी एवं सूचना का अधिकार प्रकरणों की संभागीय समीक्षा की गई। बैठक में सागर जोन के पुलिस महानिरीक्षक अनिल शर्मा , उप महानिदेशक जवाहरलाल नेहरू पुलिस अकादमी सागर विवेक राज सिहं कुकरेले सहित सागर जोन से सागर पुलिस अधीक्षक अमित सांधी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सागर विक्रम सिहं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दमोह, सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस सागर एवं सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस (को.फ्रॉड) मुख्यालय उमेश शर्मा एवं अमित वर्मा तथा सागर जोन के अन्य जिलो के पुलिस राजपत्रित अधिकारी उपस्थित रहे इसके अतिरिक्त पुलिस, सहकारिता विभाग एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से संभाग के समस्त जिलों के उपायुक्त, सहकारी संस्थायें एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को बैठक में विशेष रूप से आमंत्रित किया गया,श्री मिश्रा ने सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर पैकिंग वित्तीय सस्थाओं एव अशासकीय सगठनो आदि से संबंधित शिकायत प्राप्त होने पर समयावधि में प्राथमिक जांच पूर्ण कर अपराध पंजीबद्ध करने तथा पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारी एवं विवेचक अग्रिम विवेचना के सबंध में कार्ययोजना बनाने, सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वितीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि के पंजीकृत प्राधिकारी से संस्थाओं के पंजीकरण प्रमाण पत्र, उप विधि, मेमोरेण्डम एवं आर्टिकल ऑफ एसोसियशन, संगठक की रिपोर्ट, ऑडिट रिपोर्ट, संचालकानिर्देशक मण्डल, संस्था, पंजीकृत पदाधिकारी द्वारा संधारित मास्टर डाटा, आयकर एवं जीएसटी रिटर्न, संस्था के कम्पनी।सेक्रेटरी/ चार्टर्ड एकाउंटेंट/ऑडीटर्स, संचालक मण्डल/निर्देशक मण्डल के पदाधिकारियो/सदस्यो/प्रमोटर्स एवं शासन दवारा जारी दिशा-निर्देश आदि की जानकारी अनुसंधान के दौरान प्राप्त करने, अपराध पंजीयन होने के तुरंत पश्चात् साक्ष्य नष्ट न हो सके, इस उद्देश्य से अपराध से संबंधित इलेक्ट्रोनिक एवं मूल दस्तावेजी साक्ष्य अविलम्ब जप्त करने, आरोपियों के बैंक खातों की जांच करने, आरोपियों अथवा आरोपियों की संस्था का कृत्य यदि किसी अन्य अधिनियम के अंतर्गत दण्डनीय होने की स्थिति में संबंधित विभाग अथवा एजेंसी से जानकारी साझा करने, पुलिस अधीक्षक जिलों में सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबंधित धोखाधड़ी के अपराधों की प्रतिमाह समीक्षा करने , संभाग में धारा 173(8)।दं.प्र.सं. अंतर्गत लंबित अपराधों में अग्रिम विवेचना हेतु विवेचक नियुक्त कर प्रकरण में शेष फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया तथा आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु ईमेल, फेसबुक आईडी, पेनकार्ड, मोबाइल नम्बर, आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि की जानकारी प्राप्त कर प्रोफाइल तैयार करने।
फरार आरोपियों की सम्पति की जानकारी प्राप्त कर दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 एवं 83 के अंतर्गत कार्यवाही सुनिश्चित करने, आरोपियों एवं उनकी संस्थाओं/कंपिनयों के बैंक खातों की जानकारी प्राप्त कर राशि के लेन-देन के संबंध में अनुसंधान करने तथा बैंक खाता खुलवाने के दौरान KYC के रूप में बैंक को प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर आरोपियों के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के, आरोपियों के पेनकार्ड आयकर विभाग को प्रस्तुत करते हुये उनके बैंक खातों एवं उनके द्वारा प्रस्तुत आयकर रिटर्न की जानकारी प्राप्त करने, पंजीबद्ध अपराध में यदि आरोपीगण लोक सेवक की श्रेणी में होने पर भष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं का इजाफा करते हुये राजपत्रित अधिकारियों से विवेचना करने के बारे में समीक्षा के दौरान विस्तार से बताया ।
श्री मिश्रा ने संभाग के जिलों में अपराध भादवि धारा 420 के अंतर्गत पंजीबद्ध होने पर पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारियों को प्रकरण की समीक्षा करने , आरोपियों में उनके दवारा की गई धोखाधडी एवं गबन राशि के सबंध में विस्तृत पूछताछ करने व अपराधों में धोखाधडी एवं गबन की गई राशि के (Recovery) तथा राशि की ट्रेनिंग के संबंध में अनुसंधान कर आरोपियों एवं उनकी संस्थाओं के बैंक खाते फ्रीज करने तथा अपराध से अर्जित चल एवं अचल सम्पति जप्त कर राजसात की कार्यवाही पर जोर दिया विवेचना के दौरान आरोपियों के कॉल डीटेल्स, ईमेल एवं बैंक खातों के ट्रांजेक्शन पर अनुसंधान करने तथा आरोपियों के अपराध की विवेचना पूर्ण होने तक नियमानुसार आरो निरस्त करने की कार्यवाही करने संबंधित पुलिस अधीक्षक फरार आरोपियों का लुक-आउट परिपत्र जारी करने एवं अपराध से संबंधित कम्प्यूटर हार्ड डिस्क और अन्य डाटा जप्त कर जप्त कम्प्यूटर हार्ड डिस्क और डाटा को समय पर जांच करवाने करवाने के लिये भी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया,संभाग के जिलों में सहकारी संस्थाओं, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वितीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबंधित धोखाधड़ी के अपराधों की समीक्षा एवं प्रगति हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को नोडल नियुक्त कर, जिलों में सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं एवं अशासकीय संगठनों आदि से संबंधित विभिन्न थानों में अलग-अलग प्रकरण पंजीबद्ध होने की स्थिति में समस्त प्रकरणों की विवेचना एवं निराकरण हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अथवा उप पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में विशेष अनुसंधान टीम गठित करने के निर्देश दिये,
श्री मिश्रा ने सूदखोरों एवं धारा 138 निगोशिएबल इन्शङ्कमेन्ट एक्ट अंतर्गत लंबित वारण्ट की तामीली का विशेष अभियान चलाने, लोक सेवा गारंटी एवं सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रकरणों का समय सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये सहकारी संस्थाओं,कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं, रियल स्टेट अशासकीय संगठनों से संबंधित धोखाधड़ी एवं सूदखोरी के अपराधों की विवेचना के संबंध में जिला स्तर पर विवेचकों के प्रशिक्षण आयोजित करने एवं प्रतिमाह जिलों में पुलिस एवं सहकारिता विभाग एवं केन्द्रीय सहकारी बैंकों के मध्य बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य संयुक्त बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये तथा सहकारी संस्थाओं से संबंधित गबन एवं धोखाधड़ी के प्रकरणों में मध्यप्रदेश सहकारिता अधिनियम के तहत कार्यवाही करने के लिये कहा गया। समस्त पुलिस अधीक्षकों को यह भी निर्देश दिये गये कि किसान क्रेडिट ऋण स्वीकृति प्रकरणों में संगठित गिरोह दवारा धोखाधड़ी की जा रही है, इस संबंध में तत्काल कार्यवाही की जावे तथा सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं, रियल स्टेट अशासकीय संगठनों से संबंधित धोखाधड़ी एवं सूदखोरी से संबंधित शिकायत के संबंध में किस स्तर पर कार्यवाही की जाती है, इसके संबंध में सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जावे। जमीन क्रय-विक्रय पंजीयन समेत धोखाधड़ी से संबंधित समस्त प्रकार के प्रकरणों में भी तत्काल कार्यवाही की जावे ताकि पीड़ित को तुरंत राहत मिले तथा अंत में श्री मिश्रा ने समस्त पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि समस्त थाना प्रभारी अपने बीट प्रभारियों के माध्यम से थाना क्षेत्र में संचालित सहकारी संस्थाओं, कम्पनियां, चिटफण्ड कम्पनियों, बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थाओं की जानकारी संधारित करें तथा संदिग्ध गतिविधियां प्रतीत होने पर जानकारी पुलिस अधीक्षक एवं पुलिस मुख्यालय को यह जानकारी भेजी जाए
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