हिंदी भाषा जितनी परिपक्व है उतने ही इसके विचार’- संतोष सोहगौरा
यह बात पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा में कुलपति प्रो. राघवेन्द्र प्रसाद तिवारी के संरक्षण एवं विश्वविद्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तत्वावधान में 26 जुलाई 2024 को ‘कार्यालयीन काम-काज में राजभाषा अनुपालन’ विषय पर आयोजित ‘परस्पर-संवाद कार्यक्रम’ में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉक्टर हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के संयुक्त कुलसचिव एवं राजभाषा अधिकारी संतोष सोहगौरा ने कही। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षको, अधिकारी, कर्मचारी एवम विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों से संवाद करते हुए उन्होंने राजभाषा के महत्त्व और अनुपालन पर अपने अनुभवजन्य विचार साझा किए।
प्रतिभागियों से संवाद करते हुए श्री सोहगौरा ने राजभाषा अधिनियम 1963 की धारा 3(3) के शत-प्रतिशत अनुपालन हेतु द्विभाषी में जारी होने वाले दस्तावेजों पर विस्तार से चर्चा की। राजभाषा संबंधी नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष केंद्र सरकार के अधीन समस्त मंत्रालयों/ विभागों/ कार्यालयों/संस्थानों/विश्वविद्यालयों में राजभाषा के अनुप्रयोग से संबंधित लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं; और उन्हें वार्षिक कार्यक्रम के रूप में प्रकाशित किया जाता है। इन लक्ष्यों की प्राप्ति पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित प्रत्येक केंद्रीय कार्यालय का उत्तरदायित्त्व है, जारी वार्षिक कार्यक्रम में तय लक्ष्यों की शत-प्रतिशत प्राप्ति हेतु विश्वविद्यालयी राजभाषा कार्यान्वयन समिति की वर्ष में कम-से-कम चार बैठकें तथा इतनी ही हिन्दी कार्यशालाओं का आयोजन आवश्यक है। उन्होंने प्रतिभागियों को हिंदी सहित अपनी मातृभाषा में बातचीत को प्रोत्साहित करते हुए राजभाषा के लक्ष्यों को प्राप्त करने का आग्रह किया। राजभाषा की प्रगति के लिए मातृभाषा के प्रति समर्पण एक अनिवार्य आवश्यकता है। इतिहास के अनुसार, संविधान सभा में राजभाषा के रूप में हिंदी को स्वीकार किया जाना एक मत से हुआ था। इसमें देवनागरी अंकों के पक्ष में 78 तो विपक्ष में 77 वोट पड़े थे।
विद्यार्थियों से संवाद करते हुए श्री सोहगौरा ने वैश्विक स्तर पर हिंदी के प्रयोग और रोज़गार पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि वर्तमान में हॉलीवुड फिल्मों और वेब सीरीज़ को भारतीय बाज़ार में लाने के लिए हिंदी अनुवादकों/डबिंग आर्टिस्ट आदि की अत्यधिक मांग बढ़ी है। ऐसे में हिंदी के छात्रों एवं शोधार्थियों को हिंदी में उपलब्ध रोज़गार की अपार संभावनाओं के प्रति जागरूक रहने की अपील की।
पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा संतोष सोहगौरा को सम्मानित भी किया गया।
उक्त संवाद कार्यक्रम में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विजय शर्मा, वित्ताधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा, परीक्षा नियंत्रक प्रो. बी.पी. गर्ग सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं शोधार्थीयो तथा प्रशासन से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारियो ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत में स्वागत-वक्तव्य हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. राजिन्दर कुमार सेन ने दिया। मुख्य वक्ता का परिचय डॉ राजकुमार उपाध्याय, एसोसिएट प्रोफेसर हिंदी विभाग ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी अधिकारी रुपिंदर शर्मा ने किया। कार्यक्रम का आभार ज्ञापन हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ समीर ने किया।